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Chardham Yatra 2023: बद्रीनाथ केदारनाथ के दर्शन करने हैं तो चारधाम यात्रा के पहले जान लें ये नए नियम

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इस बार श्रद्धालुओं को चार धाम यात्रा करने के लिए किसी को भी ई-पास (E-PASS)  बनवाने की कोई जरुरत नहीं होगी. अब सभी यात्रियों को सिर्फ अपना रजिस्ट्रेशन करना होगा. और सिर्फ रजिस्ट्रेशन के माध्यम से ही आप आसानी से और बिना किसी रोक-टोक अपनी यात्रा कर पाएंगे. 

 

 

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चारधाम की यात्रा करने में उत्सुक सभी यात्रियों को देहरादून स्मार्ट सिटी पोर्टल के माध्यम से पंजीकरण करना होगा. चारधाम यात्रा का पंजीकरण करने के लिए आपको देहरादून स्मार्ट सिटी पोर्टल साइट पर जाना होगा और अपनें आधार कार्ड की डिटेल्स डालनी होगी.  इसके अलावा ऋषिकेश और यात्रा मार्ग पर अलग-अलग जगह पंजीकरण केंद्रों की सुविधा उपलब्ध होगी. पंजीकरण के  बाद यात्री चार धाम की यात्रा के साथ साथ उत्तराखंड में भी कहीं भी घूम सकते हैं. 

 

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जिन यात्रियों ने कोरोना वायरस की वैक्सीन की दोनों डोज लगवा ली है उन्हे डोज लगवाने के 15 दिन बाद का सर्टिफिकेट दिखाना होगा.  जिन यात्रियों ने एक वैक्सीनेशन डोज़ या कोई भी डोज़ नहीं लगवाई है उन्हें 72 घंटे के अंदर का अपना नेगेटिव आरटीपीसीआर (RTPCR) रिपोर्ट दिखाना होगा. सर्टिफिकेट को दिखाने के बाद ही आप को यात्रा करने की अनुमति मिल पाएगी. 

 

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यात्रा के दौरान अगर कोई कोरोना पॉजिटिव पाया जाए तो उसे जांच के लिए वापिस भेजा जाएगा और अगर तब उसकी हालत गंभीर हुई तो एक प्रोटोकॉल के तेहत आगे क्या करना है यह देखा जायेगा. यात्रियों को यात्रा और दर्शन के समय भी नियमों का पालन करना होगा साथ ही साथ सारे कार्य प्रोटोकॉल के नियम के अनुसार ही करने होंगे. मंदिर के आंगन में प्रसाद देना और किसी भी प्रकार का टीका लगाने की अनुमति नहीं होगी। उसके साथ ही साथ सभी यात्रिओं को कोई भी मूर्तियों, घंटियों व ग्रंथो को छुने की कोई अनुमति नहीं होगी. 

 

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यह चार धाम यात्रा पंजीकरण सिर्फ उन लोगो का होता है जो उत्तराखंड के निवासी नहीं होते. अगर आप उत्तराखंड के रहने वाले है तो आपको पंजीकरण करवाने की कोई आवश्यकता नहीं है.