रामलला कि प्राण प्रितिष्ठा में अब केवल दो दिन ही शेष बचे है. अयोध्या में रामभक्तों का उत्साह चरम पर है. अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा समारोह के लिए मेहमानों का जुटना भी शुरू हो गया है.
अयोध्या धाम में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम प्रारंभ हो चुका है. जैसै- जैसै दिन बीत रहे है रामभक्तों का उत्साह भी बढ़ता जा रहा है. इसी क्रम में आज पांचवे दिन शनिवार को रामलला के अचल विग्रह का औषधियुक्त 81 कलशों के जल से अभिषेक किया गया.
भगवान राम के नवनिर्मित भवन की वास्तुशांति लिए पूजा पाठ भी किए गया. इससे पहले अधिवास में रहे रामलला के रजत विग्रह को वेदमंत्रों के जरिए सुबह जगाया गया.
श्रीराम लला की प्राण प्रतिष्ठा समारोह में काशी के डोमराजा समेत विभिन्न वर्गों से 15 यजमान सपत्नीक शामिल होंगे. इनके निर्धारण में ध्यान रखा गया है कि समाज के निचले पायदान से भी प्रभु श्री राम के समारोह में भागीदारी हो.
रामलला की प्राणप्रतिष्ठा कार्यक्रम से पहले भगवान के नए महल यानी पूरे मंदिर का अधिवासन किया गया. जल से पूरे महल को स्नान कराया गया.
आचार्य अरुण दीक्षित ने बताया कि महल के कोने-कोने में देवताओं का वास होता है. दरवाजे, स्तंभ, ड्योढ़ी, सीढ़ी, पत्थर सब में देवता होते हैं इसलिए सभी को स्नान कराकर वास्तुशांति की प्रार्थना की गई.
आज भगवान राम की पालकी यात्रा भी निकाली गई है. रजत विग्रह को पालकी पर सवार कर यज्ञमंडप की परिक्रमा कराई गई. इस दौरान पूरा मंदिर वेदमंत्रों से गूंजता रहा.
भव्य मंदिर के लोकार्पण और रामलला के नवीन विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा के लिए अयोध्या को 2500 क्विंटल फूलों से संवारा जा रहा है.