उत्तर प्रदेश के इतिहास के पन्नों में 5 अगस्त की तारीख सुनहरे अक्षरों में दर्ज हो चुकी है. अयोध्या में 500 वर्षों बाद भव्य राम मंदिर का निर्माण हो रहा है. आज ही के दिन चार साल पहले पीएम मोदी ने अयोध्या में राम मंदिर निर्माण की नींव रखी थी.
5 अगस्त 2020 को सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि मंदिर का भूमि पूजन किया गया था. इसके बाद 500 वर्षों का लंबा इंतजार खत्म हो गया था.
जानकारी के मुताबिक, 21 मार्च 1528 को मुगल आक्रांता बाबर के आदेश पर राम मंदिर को ध्वस्त कर दिया गया था. इसके बाद वहीं पर एक ढ़ाचा खड़ा कर दिया गया था. इसे बाद में बाबरी मस्जिद कहा गया.
बाद में 6 दिसंबर 1992 की तारीख आई और इस ढांचे को गिरा दिया गया. इसके बाद मामला कोर्ट में चला गया था. हिन्दू पक्ष में फैसला आने के बाद भव्य राम मंदिर का निर्माण हो रहा है.
अयोध्या में करीब 110 एकड़ भूमि पर भव्य राम मंदिर का निर्माण कार्य चल रहा है. इसमें रामलला के मंदिर के अलावा म्यूजियम, गेस्ट हाउस और अस्पताल जैसी सुविधाएं मिल सकेंगी.
मंदिर निर्माण के लिए फंड जुटाने के लिए चंदा मांगा गया था. करीब एक हजार करोड़ रुपये की लागत से भव्य राम मंदिर का निर्माण किया जा रहा है.
राम मंदिर निर्माण में पहले चरण का काम पूरा कर लिया गया है. दूसरे चरण में फर्स्ट फ्लोर तैयार किया जाएगा. वहीं, तीसरे चरण में सेकंड फ्लोर तैयार किया जाएगा.
5 अगस्त 2020 को राम मंदिर निर्माण के लिए पहले 9 शिलाओं का पूजन किया गया था. पीएम मोदी भूमि पूजन करने के साथ-साथ रामजन्मभूमि परिसर में पारिजात का पौधा लगाया.
इसके बाद 15 मार्च 2021 को राम मंदिर निर्माण के लिए नींव भरने का काम शुरू हुआ. 31 मार्च 2022 को राम मंदिर का चबूतरा बनकर तैयार हो गया.
28 सितंबर 2022 को राम मंदिर के ग्राउंड फ्लोर का काम आगे बढ़ा. 6 दिसंबर 2022 को राम मंदिर के गर्भगृह ने रूप लेना शुरू किया.
इसके बाद 30 मार्च 2023 को रामनवमी पर निर्माणाधीन राम मंदिर की साज-सज्जा हुई. 12 मई 2023 को मंदिर का पिलर वाला हिस्सा बनकर तैयार हुआ. 9 अक्टूबर 2023 को मंदिर के अंदर फर्श और नक्काशी का काम शुरू हुआ.
फिर 11 नवंबर 2023 को दीवाली के लिए बन रहे मंदिर को सजाया गया. चार जनवरी 2024 को मंदिर का सिंह द्वार और पहला चरण पूरा हुआ. 22 जनवरी 2024 को पीएम मोदी ने राम मंदिर का उद्घाटन किया था.