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विदेश जाने की जरूरत नहीं, ग्रेटर नोएडा में ही बसेगा अमेरिका-ऑस्ट्रेलिया और कोरिया

यूपी के लोगों को अब बाहर जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी. प्रदेश में ही रहकर अमेरिका-ऑस्‍ट्रेलिया और कोरिया जैसे शहरों का मजा ले सकेंगे. ग्रेटर नोएडा के यमुना प्राधिकरण क्षेत्र के अंतर्गत एक नई ‘अमेरिका सिटी’ बसाने की योजना बनाई जा रही है.

ऑस्‍ट्रलिया स‍िटी

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ऑस्‍ट्रलिया स‍िटी

इतना ही नहीं ग्रेटर नोएडा में ऑस्‍ट्रेलिया सिटी बसाने के लिए लिए कंपनी तैयार भी हो गई है. प्राधिकरण की तरफ से पूरी तैयारी भी कर ली गई है. 

जमीन मुहैया की तैयारी

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जमीन मुहैया की तैयारी

वहीं, अमेरिकी कंपनी की ओर से जितनी जमीन मांगी गई है. प्राधिकरण उतनी जमीन मुहैया कराने में जुट गया है. प्राधिकरण जमीन तलाशने में जुट गया है. 

अमेरिकी कंपनी

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अमेरिकी कंपनी

नोएडा प्राधिकरण के अफसरों का कहना है कि अमेरिकी कंपनियों ने दुनिया भर में ग्रोइंग इकोनॉमी वाले देशों का संरक्षण किया है. 

 

यूपी में निवेश

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यूपी में निवेश

इसमें वियतनाम और ताइवान सहित भारत के विभिन्न राज्यों का दौरा भी शामिल है. अध्ययन के आधार पर यूपी को निवेश के लिए चुना गया है. 

1200 एकड़ जमीन की मांग

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1200 एकड़ जमीन की मांग

ग्रेटर नोएडा में इन शहरों को बसाने के लिए प्राधिकरण पहले चरण में अमेरिकी कंपनियों ने 1200 एकड़ जमीन की मांग की है. 

100 एकड़ का आवंटन

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100 एकड़ का आवंटन

इसमें से 100 एकड़ का आवंटन पहले ही किया जा चुका है. इस क्षेत्र में विश्व स्तरीय शिक्षण संस्थान होंगे और ग्रुप हाउसिंग के लिए भी जमीन की मांग की गई है.

प्रतिनिधिमंडल आएगा

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प्रतिनिधिमंडल आएगा

जानकारी के मुताबिक, 21 नवंबर को ऑस्ट्रेलिया प्रतिनिधि मंडल भारत दौरे पर आ सकता है. इसके बाद आगे की प्रक्रिया में तेजी आएगी. 

इनको बुलाया

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इनको बुलाया

इस दौरान नोएडा प्राधिकरण, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण और यमुना विकास प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारियों को विशेष रूप में बुलाया गया है. 

दिसंबर में काम शुरू

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दिसंबर में काम शुरू

बताया गया कि जापानी सिटी के विकास का कार्य दिसंबर महीने में शुरू होने की संभावना है. अगले डेढ़ महीने में आवंटन प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी. 

डिस्क्लेमर

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डिस्क्लेमर

लेख में दी गई ये जानकारी सामान्य स्रोतों से इकट्ठा की गई है. इसकी प्रामाणिकता की जिम्मेदारी हमारी नहीं है. एआई के काल्पनिक चित्रण का जी यूपीयूके हूबहू समान होने का दावा या पुष्टि नहीं करता.