देश की सीमाओं पर रक्षा करने वाले जवानों को वेतन के साथ कई और सुविधाएं भी दी जाती हैं. इन्हीं में से एक है सेना की कैंटीन. आर्मी की इन कैंटीन में जवानों को बहुत कम दाम में खाने-पीने से लेकर हर जरूरत का सामान मिल जाता है.
बता दें कि जिन्हें हम आर्मी कैंटीन कहते हैं दरअसल वह कैंटीन स्टोर्स डिपार्टमेंट होते हैं. आर्मी के जवानों के साथ अन्य अफसरों को यहां से सामान खरीदने की अनुमति होती है.
जानकारी के मुताबिक, अगर सामान पर मिलने वाले डिस्काउंट या छूट की बात करें तो इसका कोई सीमित पर्सेंटेज नहीं है. यह टैक्स के आधार पर निर्धारित होता है कि किस सामान पर कितनी छूट दी जाएगी.
आर्मी कैंटीन में टैक्स में छूट मिलती है. यह छूट करीब 50 फीसदी की छूट मिल सकती है.
जैसे किसी सामान पर 18 फीसदी टैक्स लग रहा है तो उसपर करीब 9 फीसदी टैक्स ही लगेगा. यानी टैक्स आधा लगता है, जिससे सभी सामान सस्ते मिल जाते हैं.
सरकार जीएसटी कर में 50 फीसदी की छूट देती है. जीएसटी की अधिकतम दरें 5, 12, 18 और 28 प्रतिशत हैं.
पहले आर्मी कैंटीन के कार्ड से कोई भी सामान खरीद सकता था. सेना का जवान कितना भी सामान ले सकते थे. इस वजह से सुविधा का गलत इस्तेमाल भी होता था.
यही वजह है कि अब कुछ सामान पर कुछ लिमिट तय कर दी गई है. लिमिट के आधार पर ही सामान खरीद सकते हैं.
जैसे साबुन या खाने के सामान की एक लिमिट है और हर महीने या साल में उतना ही सामान खरीदा जा सकता है.
बता दें कि आर्मी कैंटीन में ग्रोसरी के आइटम, किचन अप्लायंस, इलेक्ट्रॉनिक्स, शराब और ऑटोमोबाइल जैसे सामान कम दाम में खरीद सकते हैं.
आर्मी कैंटीन की सुविधा थल सेना, वायु सेना और नौसेना के जवानों और उनके परिवार वालों के साथ ही पूर्व सैनिकों और उनके डिपेंडेंट को मिलता है.
सरकार की ओर से वर्तमान में इस सुविधा का लाभ करीब एक करोड़ से ज्यादा लोग उठा रहे हैं. इसमें सेना से रिटायर पूर्व जवान भी शमिल है.