माफिया अतीक के बेटे अली से जेल में कोई नहीं कर सकेगा मिलाई, बढ़ाई गई निगरानी, जानें वजह
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माफिया अतीक के बेटे अली से जेल में कोई नहीं कर सकेगा मिलाई, बढ़ाई गई निगरानी, जानें वजह

Prayagraj: अतीक अहमद के बेटे अली से जेल में किसी की भी मुलाकात पर बैन लगा दिया गया है...वायरल हो रही चिट्ठी के कारण जेल प्रशासन ने ये फैसला  लिया है...
 

 

Social Media

प्रयागराज: जेल में बंद माफिया अतीक अहमद (Atiq Ahmed) के बेटे अली अहमद (Ali ahmed) से मुलाकात पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. इसके साथ ही उसकी गतिविधियों पर निगरानी और भी बढ़ा दी गई है. सुरक्षा कारणों से नैनी सेंट्रल जेल (Naini Central Jail)  प्रशासन ने ये फैसला लिया है. अली के नाम से इंटरनेट मीडिया पर पर्चा वायरल होने के बाद जेल प्रशासन ने ये कदम उठाया है.

अली ने किया था सरेंडर
गौरतलब हो कि बीते वर्ष पांच करोड़ की रंगदारी मांगने के मामले में अली ने सरेंडर किया था, जिसके बाद उसे जेल भेजा दिया गया. तब से वह जेल में निरुद्ध है. 24 फरवरी को उमेश पाल हत्याकांड के बाद से उसकी निगरानी बढ़ा दी गई थी. अली को हाई सिक्योरिटी सेल में सीसीटीवी कैमरे की निगरानी में रखा गया है.

अली अहमद के नाम से पर्चा वायरल

बता दें कि चार दिन पहले सोशल मीडिया (Social Media) पर अली अहमद के नाम से एक पर्चा वायरल हो रहा था. इस पंपलेट में निकाय चुनाव में सपा, भाजपा को वोट नहीं देने की अपील की गई थी.  इसके साथ ही मुख्यमंत्री योगी और पूर्व मुंख्यमंत्री अखिलेश यादव को अतीक, अशरफ, असद की हत्या का जिम्मेदार ठहराया गया. इस अपील में कहा गया है कि उसके पिता अतीक अहमद और चाचा अशरफ की मौत के लिए बीजेपी के साथ सपा भी जिम्मेदार है. इसलिए सभी मुसलमानों से मिलकर दोनों पार्टियों को हराने की अपील की गई है. इस पर्चे के बारे में पता चलने के बाद जेल प्रशासन लगातार सावधानी बरत रहा है. इस वायरल चिट्ठी में ये भी लिखा कि मैं आप लोगों से गुजारिश करता हूं कि मुस्लिम भाई एक हो जाएं. आप लोग बीजेपी और सपा (BJP and SP) को वोट न दें. 

पुलिस जांच में जुटी
हालिया वायरल हुए इस पत्र को देखते हुए जेल में मुलाकात पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. अब बहुत जरूरी होने पर सिर्फ वकील ही अली से जेल में मुलाकात कर सकेंगे. इस वायरल पत्र में बीजेपी और सपा को वोट नहीं करने की अपील की गई. दोनों दलों के खिलाफ समर्थकों से वोट करने की अपील की गई थी, हालांकि वायरल पत्र (viral letter) की वास्तविकता को लेकर पुलिस जांच में भी जुटी है.

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