Sambhal Hindi News: संभल के दीपा सराय इलाके में एक कुएं की खुदाई के दौरान तीन प्राचीन मूर्तियां मिलीं, यह घटना क्षेत्र में उत्सुकता का विषय बनी हुई है. मूर्तियां शिव मंदिर के पास मिलीं, और उनकी ऐतिहासिक प्रासंगिकता को लेकर विशेषज्ञों द्वारा जांच की जा रही है.
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Sambhal News/सुनील सिंह: उत्तर प्रदेश के संभल जिले में बीते दिनों एक कई साल पुराना प्राचीन शिव मंदिर चर्चा का केंद्र बना हुआ है. यह मंदिर 46 साल से बंद पड़ा था, जिसे प्रशासन ने हाल ही में खुलवाया. मंदिर में शिवलिंग, हनुमान जी की मूर्ति और एक कुआं भी पाया गया. इस कुएं की खुदाई के दौरान तीन मूर्तियां मिल चुकी हैं, जिनमें भगवान गणेश, मां पार्वती और एक अन्य मूर्ति शामिल है.
क्या है मामला?
संभल में एक प्राचीन मंदिर की खुदाई के दौरान पहली मूर्ति भगवान गणेश की मिली. इसके बाद दूसरी मूर्ति सफेद संगमरमर से बनी मिली, जिसे खंडित अवस्था में मां पार्वती की मूर्ति बताया जा रहा है. इस मूर्ति का आकार लगभग 7 से 8 इंच है और इसमें मां पार्वती को ध्यानमग्न मुद्रा में हाथ जोड़े हुए दिखाया गया है. हालांकि, दूसरी मूर्ति के कार्तिकेय की होने की संभावना भी जताई जा रही है. विशेषज्ञों और प्रशासनिक अधिकारियों का कहना है कि मूर्तियों की सटीक पहचान जांच के बाद ही स्पष्ट हो पाएगी.
शिवलिंग और अन्य मूर्तियां भी मिलीं
खुदाई के दौरान शिवलिंग और बजरंगबली की मूर्ति पहले ही मिल चुकी हैं. अब कुएं से मां पार्वती की मूर्ति मिलने से स्थानीय लोगों में मंदिर की ऐतिहासिकता को लेकर चर्चा तेज हो गई है. लोगों का मानना है कि इस मंदिर का संबंध प्राचीन काल से है और यह धार्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण हो सकता है.
वकील विष्णु शंकर जैन का बयान
वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा कि संभल में कुएं से मिली भगवान गणेश और मां पार्वती की मूर्तियां प्राचीन तीर्थ क्षेत्र होने का प्रमाण हैं. दावा किया कि उनके प्रस्तुत नक्शे को सही ठहराते हुए, इस क्षेत्र में 68 कुएं और अन्य प्राचीन मंदिरों की खोज की संभावना है. SC ने धार्मिक स्थलों की खोज पर कोई रोक नहीं लगाई है.
प्राचीन मंदिर और मूर्तियों का इतिहास
यह मंदिर कार्तिक शंकर मंदिर के नाम से जाना जाता है और 1978 से बंद था. 82 वर्षीय विष्णु शरण रस्तोगी ने बताया कि यह मंदिर उनके परिवार के लिए पूजा-अर्चना और धार्मिक अनुष्ठानों का केंद्र था. उनके परिवार के करीब 40-42 घर खग्गू सराय क्षेत्र में बसे थे. मंदिर के पास स्थित कुएं से जल लेकर पूजा होती थी. प्रशासन ने मंदिर को साफ-सुथरा करवाया और 15 दिसंबर को विधि-विधान और मंत्रोच्चार के साथ यहां पूजा-अर्चना शुरू की गई। स्थानीय निवासियों ने इस अवसर पर मंदिर के पुनरुद्धार को एक ऐतिहासिक क्षण बताया.
प्रशासन का एक्शन
प्राचीन मंदिर और मूर्तियों की खोज के बाद प्रशासन ने मंदिर और उसके आसपास की जांच तेज कर दी है. पुरातत्व विभाग की टीम इस स्थल की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक प्रासंगिकता का आकलन कर रही है. मूर्तियों को पुलिस के हवाले कर दिया गया है, और खुदाई का कार्य अभी जारी है.
स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया
मंदिर के पुनरुद्धार और प्राचीन मूर्तियों की खोज से क्षेत्रवासियों में खासा उत्साह है। लोग इसे अपनी सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक मान रहे हैं. स्थानीय निवासियों ने प्रशासन से इस मंदिर को संरक्षित करने और इसे धार्मिक पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की मांग की है. संभल का यह ऐतिहासिक स्थल न केवल धार्मिक महत्व रखता है, बल्कि ऐतिहासिक और सांस्कृतिक दृष्टि से भी अत्यंत मूल्यवान है। आने वाले समय में यह खोज क्षेत्र की पहचान बन सकती है.
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