Bijnor news: बॉलीवुड का विलेन असल किरदार में भी खलनायक बन बैठा. आरोपी भूपेंद्र ने किसान के पूरे परिवार पर गोलियां बरसा दी. जिसमें किसान गुरदीप के एक बेटे गोविंद उर्फ गोविंदा (23) की गोली लगने से मौके पर ही मौत हो गई.
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Bijnor news: बॉलीवुड का विलेन असल किरदार में भी खलनायक बन बैठा. बढ़ापुर थाना क्षेत्र के गांव कुआंखेड़ा के रहने वाले भूपेंद्र सिंह ने तमिल और हिन्दी फिल्मों में काम किया है. जोकि टीबी कलाकार भी रहा है. उसने अपनी फेसबुक आईडी पर हिंदी, तमिल, तेलगु फिल्मों में काम करने का जिक्र अपने इंट्रो में किया है. भूपेंद्र का गांव में करीब सौ एकड़ का कृषि फार्म है. इसी कृषि फार्म की मेढ़़ को लेकर पड़ोसी किसान से उसका विवाद हुआ. विवाद में आरोपी भूपेंद्र ने किसान के पूरे परिवार पर गोलियां बरसा दी. जिसमें किसान गुरदीप के एक बेटे गोविंद उर्फ गोविंदा (23) की गोली लगने से मौके पर ही मौत हो गई. जबकि गुरदीप (60)और अमरीक उर्फ बूटा (25) पुत्र गुरदीप गोली लगने से गंभीर रुप से घायल हो गए. हमले में गुरदीप की पत्नी वीरोबाई भी गंभीर रुप से घायल हो गई थी.
अक्सर गोली मारने की देता था धमकी
मेढ़ को लेकर हुए इस गोलीकांड के बाद गांव में पुलिस पहुंची तो लोगों ने बताया कि आरोपी भूपेंद्र अक्सर अन्य लोगों को भी गोली मारने की धमकी देता था. पीड़ित परिवार को भी पहले कई बार लाइसेंसी रिवाल्वर दिखाकर धमकी दे चुका था. रिवॉल्वर से धमकी देने का जिक्र 19 नवंबर को पुलिस को दिए गए शिकायती पत्र में किया गया था.
फिल्मी दुनिया से दूरी बना ली
लोगों का कहना है कि लॉकडाउन लगने के साथ ही उसने फिल्मी दुनिया से दूरी बना ली थी. हालांकि वह मुंबई आता जाता रहता था. फिर भी उसने पूरा ध्यान खेती पर लगा दिया. खेती भी पारंपरिक नहीं बल्कि बागवानी पर जोर दिया. उसने अपने फार्म में किन्नू आदि के बाग लगाए. वहीं केला आदि की बागवानी भी की है.
2007 में जारी हुआ लाइसेंसी रिवॉल्वर
टीबी कलाकार ने जिस लाइसेंसी रिवॉल्वर से गोली मारकर एक युवक की हत्या कर दी, इस रिवॉल्वर का लाइसेंस उत्तराखंड के पौड़ी जनपद से साल 2007 में जारी हुआ था. शस्त्र लाइसेंस ऑल इंडिया बताया जा रहा है. भूपेंद्र के शस्त्र लाइसेंस में कालागढ़ की नई कॉलोनी मकान नंबर ए 54 दर्शाया गया है. जबकि एक मकान सरकार है और ताला लटका रहता है जोकि खंडहर में तब्दील हो रहा है. बताया गया कि इस कॉलोनी में बाढ़ प्रभावित लोग आकर रहने लगे थे.
अब सवाल खड़े हो रहे हैं कि जब दर्शाए गए पते पर अब कोई रहता नहीं तो लाइसेंस का नवीनीकरण कैसे हुआ होगा. वहीं आरोपी अब बढ़ापुर थाना क्षेत्र के कृषि फार्म में भी रहता था जबकि बढ़ापुर थाने में कहीं इसका लाइसेंस दर्ज नहीं है.
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