'विधर्मी जब भी मजबूत होगा, नीयत दिखाएगा'... सीएम योगी ने कट्टरपंथियों को लेकर हिन्दुओं को चेताया
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'विधर्मी जब भी मजबूत होगा, नीयत दिखाएगा'... सीएम योगी ने कट्टरपंथियों को लेकर हिन्दुओं को चेताया

Yogi Adityanath: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को त्रिपुरा में मां सिद्धेश्वरी मंदिर का उद्घाटन किया. उन्होंने इस दौरान हिन्दुओं से एकजुट होने का आह्वान किया, ताकि वो किसी भी साजिश को नाकाम कर सकें. 

UP CM Yogi Adityanath

UP CM Yogi Adityanath in Tripura: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को अनंत चतुर्दशी के मौके पर त्रिपुरा में सिद्धेश्वरी मंदिर का उद्घाटन किया. उन्होंने इस दौरान जोरदार भाषण दिया. सीएम योगी ने कहा, जैसे 500 वर्षों की तपस्या के बाद अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण हुआ, वैसे ही काशी और मथुरा भी पूरी तरह मुक्त होगी. अयोध्या, काशी और मथुरा सनातन के स्तंभ हैं.

सीएम योगी ने कहा, हम सर्वे भवंतु सुखिन: की राह पर चलने वाले लोग हैं. लेकिन पहले हमें खुद सुरक्षित रहना होगा. हम खुद सुरक्षित नहीं रहेंगे तो दूसरों को कैसे महफूज रखेंगे. इसलिए पहले खुद को इतना ताकतवर मजबूत रखना है कि दूसरा कोई दुस्साहस न कर सके.विधर्मी को अगर मजबूत होने का मौका मिलेगा तो वो फिर से अपनी नीयत दिखाएगा. ऐसे में मजबूत होकर अपनी ताकत कायम रखना और दुश्मन को मजबूत नहीं होने देना है. हम दुश्मनों को इसी तरह मौका देते रहे तो कैसे चलेगा.

योगी ने कहा, यूपी में डबल इंजन की सरकार आई तो सुरक्षा का माहौल मिला. लोग अब बिना किसी भय के अपने त्योहार मना पाते हैं. पहले तो त्योहारों के वक्त दंगा हो जाया करता था. लेकिन अबदंगाइयों के लिए बुलडोजर भी दिया गया है. साथ ही साथ भक्तों के लिए श्री राम मंदिर का निर्माण भी कराया गया. 

डबल इंजन की भाजपा सरकार ने विकास और विरासत के अभियान को लगातार आगे बढ़ाया है. श्री अयोध्या धाम में प्रभु श्री राम का मंदिर निर्माण हो या त्रिपुरा में मां त्रिपुर सुंदरी के मंदिर के सुंदरीकरण और पुनरुद्धार का कार्य, सभी उसके साक्षात उदाहरण हैं. बांग्लादेश का उदाहरण देते हुए सीएम योगी ने कहा, सनातन धर्म को एकजुट रहना चाहिए, नहीं तो उन्हें इस प्रकार कठिनाइयां झेलनी पड़ सकती हैं.

कांग्रेस पर प्रहार करते हुए सीएम योगी ने कहा, आजादी के पहले बंग भंग 1905 के दौरान भी बांटने का प्रयास हुआ था. लेकिन देशभक्तों की कठिन तपस्या के कारण ऐसा संभव नहीं हो पाया. देश भर में सरस्वती शिशु मंदिर और आरएसएस की विचारधारा पर सीएम योगी ने कहा, 1950 में सबसे पहले गोरखपुर में इसका शुभारंभ हुआ. हम लोग निस्वार्थ भाव से सेवा करने वाले लोग हैं. इसका महिमामंडन नहीं करते. 

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