Lucknow News: एम्स को टक्कर देगा यूपी का सबसे बड़ा मेडिकल कॉलेज, किडनी-लिवर के बाद इस गंभीर बीमारी का मिलेगा इलाज
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Lucknow News: एम्स को टक्कर देगा यूपी का सबसे बड़ा मेडिकल कॉलेज, किडनी-लिवर के बाद इस गंभीर बीमारी का मिलेगा इलाज

किडनी और लिवर के बाद अब किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय में फेफड़े का प्रत्यारोपण भी हो पाएगा. इससे जुड़े प्रस्ताव को भी तैयार कर लिया गया है और केजीएमयू प्रशासन को दे दिया गया है. दरअसल, केजीएमयू की कुलपति प्रो. सोनिया नित्यानंद ने इस बारे में बुधवार को कई बातें बताई हैं.

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लखनऊ: किडनी और लिवर के बाद अब किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय में फेफड़े का प्रत्यारोपण भी हो पाएगा. इससे जुड़े प्रस्ताव को भी तैयार कर लिया गया है और केजीएमयू प्रशासन को दे दिया गया है. दरअसल, केजीएमयू की कुलपति प्रो. सोनिया नित्यानंद ने इस बारे में बुधवार को कई बातें बताई हैं. उन्होंने बताया कि किडनी और लिवर के बाद केजीएमयू में अब फेफड़े का भी प्रत्यारोपण हो सकेगा. पल्मोनरी एंड क्रिटिकल केयर डिपार्टमेंट ने इसका प्रस्ताव भी तैयार कर लिया है और केजीएमयू प्रशासन को भेज दिया है. प्रो. सोनिया नित्यानंद ने ये जानकारियां पल्मोनरी एंड क्रिटिकल केयर डिपार्टमेंट की ओर से सेप्सिस पर हुए एक कार्यक्रम में दीं जहां वो बतौर मुख्य अतिथि मौजूद थीं. 

केजीएमयू का बढ़ जाएगा दर्जा 
प्रो. सोनिया नित्यानंद ने इस संबंध में आगे कहा कि फिलहाल, केजीएमयू ही एक ऐसे संस्थान है जहां किडनी व लिवर का ट्रांसप्लांट होता है. अब तैयारी लंग ट्रांसप्लांट करने की भी है.- उन्होंने बताया कि इसे भी शताब्दी फेज-1 में बनी ट्रांसप्लांट यूनिट में जोड़ा जाएगा. मौजूदा समय में लंग ट्रांसप्लांट की सुविधा प्रदेश के किसी भी सरकारी संस्थान में नहीं है और जब यह केजीएमयू में शुरू होगा तो इसका दर्जा और बढ़ जाएगा. 

लिवर ट्रांसप्लांट का रिकॉर्ड
आपको बता दें कि लिवर ट्रांसप्लांट को लेकर केजीएमयू पहले ही रिकॉर्ड बना चुका है. 25वें सफल लिवर ट्रांसप्लांट पर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ की ओर से बधाई संदेश भी भेजा गया था. इसी साल विश्वविद्यालय में किडनी ट्रांसप्लांट को शुरू किया और पहले चार महीने के दौरान ही 7 किडनी को ट्रांसप्लांट कर दिए गए हैं. 

प्रत्यारोपण की लागत
फेफड़ा प्रत्यारोपण की सुविधा फिलहाल प्रदेश में कहीं भी उपलब्ध नहीं है. इसकी सुविधा कुछ एम्स और दिल्ली के निजी संस्थानों में और दक्षिण भारत के हॉस्पिटल में ही उपलब्ध है. आंकी गई लागत की बात करें तो 12 से 25 लाख रुपये के आसपास आती है. केजीएमयू में लिवर और किडनी ट्रांसप्लांट को लेकर विशेष बात ये है कि यहां पर निजी संस्थानों की तुलना में आधे से भी कम का खर्च आता है. लागत को लेकर अनुमान है फेफड़े के प्रत्यारोपण में भी केजीएमयू में कम खर्च आए, हालांकि इस संबंध में फिलहाल कोई प्रस्ताव नहीं बना है.

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