इस बार सोनिया गांधी रायबरेली से चुनाव नहीं लड़ेगी. दरअसल सोनिया गांधी अपना नामांकन पत्र राज्यसभा चुनाव के लिए राजस्थान से दाखिल कर चुकी हैं. आगमी लोकसभा चुनाव को लेकर सोनिया गांधी ने कहा, स्वास्थ्य और बढ़ती उम्र के चलते चुनाव नहीं लडूंगी. जानिए 1952 से अब तक कांग्रेस का रायबरेली गढ़.
देश की राजनीति में रायबरेली लोकसभा सीट नेहरू और गांधी परिवार का गढ़ माना जाता है. आजादी के बाद से ही रायबरेली की सीट कांग्रेस के कब्जे में है.
सोनिया गांधी पहला लोकसभा चुनाव 1999 में उत्तर प्रदेश के अमेठी और कर्नाटक के बेल्लारी से लड़ा. सोनिया को दोनों जगहों से जीत मिली. बेल्लारी सीट को छोड़कर अमेठी की सीट पर बनी रहीं. 2004 में रायबरेली की सीट पहली बार जीती.
सोनिया गांधी रायबरेली से 6 बार चुनाव लड़ चुकी हैं. इसमें से एक उपचुनाव भी शामिल है. पहली बार सोनिया गांधी 2004 में रायबरेली से चुनाव लड़ी. इसके बाद से इन्हे हर बार जीत हासिल हुई है . इस सीट से पहली बार गांधी परिवार से 1952 में फिरोज गांधी चुनाव लड़े.
इंदिर गांधी 1967, 1971 और 1980 में इंदिर गांधी के पास रायबरेली की सीट थी दरअसल 1980 में दो सीट से चुनाव लड़ा था. आंध्र प्रदेश के मेडक से और रायबरेली से दोनों सीट पर जीत हासिल हुई थी. रायबरेली की सीट छोड़ दी.
सोनिया गांधी परिवार की दूसरी सदस्य के रूप में 75 साल बाद राज्यसभा गई हैं. सोनिया गांधी से पहले इंदिरा गांधी राज्यसभा की सदस्य थी.
देश की आजादी के बाद राष्ट्रीय नेतृत्व करने वाली पहली विदेशी महिला है. सोनिया गांधी अपने पति पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या के सात साल बाद 1998 में पार्टी का पदभार संभाला.
1998 में सोनिया कांग्रेस की पहली अध्यक्ष बनी. लगभग 19 साल से ज्यादा कांग्रेस को पीछे से दिशा दी. लंबे समय तक कांग्रेस की अध्यक्ष बनने का रिकॅार्ड सोनिया के नाम है.1998 से 2017 तक पद पर रही.
दरअसल राहुल गांधी नहीं चाहते थे कि उनकी मां सोनिया गांधी प्रधानमंत्री बने. क्योंकि उन्होंने डर था.गांधी परिवार में दादी और पिता की मौत को देखा था.
द रेड साड़ीज यह किताब सोनिया गांधी पर लिखी गई है. कांग्रेस के विरोध से ये पुस्तक भारत में प्रकाशित नहीं हो सकी थी. इस किताब से विवाद काफी विवाद उत्पन्न हो गया था.