प्रयागराज महाकुंभ 2025 में पौष पूर्णिमा और मकर संक्रांति के पर्व पर 6 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालुओं ने अमृत स्नान किया. अनुमान लगाया जा रहा है कि अगले अमृत स्नान यानी शाही स्नान में इससे भी ज्यादा श्रद्धालु पहुंचेंगे.
13 जनवरी से महाकुंभ 2025 का शुभारंभ हो चुका है. पौष पूर्णिमा और मकर संक्रांति पर 6 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने त्रिवेणी में स्नान किया. अब मौनी अमावस्या पर इस संख्या के और अधिक बढ़ने की उम्मीद है.
इस साल मौनी अमावस्या 29 जनवरी को पड़ रही है, और इसी दिन महाकुंभ में तीसरा शाही स्नान होगा. संभावना है कि मौनी अमावस्या पर करीब 8-10 करोड़ संगम पर स्नान करेंगे.
कुंभ मेले में श्रद्धालुओं के लिए शटल बसें, इलेक्ट्रिक बसें और नियमित बसों का संचालन लगातार किया जाएगा. बस सेवाओं की संख्या और रूट्स में भी सुधार किया जाएगा.
मुख्यमंत्री ने घाटों पर बेरिकेटिंग और शौचालयों की नियमित सफाई के निर्देश दिये. सभी सेक्टरों में 24x7 बिजली और पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित की जाएगी.
मेले के दौरान मोबाइल नेटवर्क को सुचारू और मजबूत बनाने पर जोर दिया गया है. डिजिटल सुविधाओं में किसी भी प्रकार की बाधा न आए, इसके लिए खास इंतजाम किए जा रहे हैं.
महाकुंभ में हर रोज आ रहे लाखों श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए रेलवे ने 10 हजार नियमित ट्रेनें चलाई हैं जिसमें से 3134 स्पेशल ट्रेन हैं. साथ ही श्रद्धालुओं को आसानी से टिकट मिल सके इसके लिए 554 टिकट काउंटर बनाए गए हैं.
महाकुंभ से देश के कौने-कौने से श्रद्धालु पहुंच रहे हैं इसलिए रेलवे ने प्रयागराज के सभी स्टेशनों पर 12 भाषाओं में अनाउंसमेंट और जानकारी उपलब्ध कराने का इंतजाम किया है. साथ ही रेलवे ने 1000 कैमरे भी रेलवे स्टेशनों पर लगाए हैं ताकि हर जगह निगरानी में रहे.
इस दिन को शास्त्रों में गंगा स्नान, दान और पितरों की पूजा के लिए सबसे खास माना गया है. यह जप, तप और साधना के लिए भी उत्तम समय होता है.
मौनी अमावस्या पर मौन रहकर व्रत करने से वाणी में मधुरता आती है और मन को शांति मिलती है. इसे करने से आत्मिक शुद्धि और मोक्ष प्राप्ति की संभावना बढ़ती है.
लेख में दी गई ये जानकारी सामान्य स्रोतों से इकट्ठा की गई है. इसकी प्रामाणिकता की जिम्मेदारी हमारी नहीं है.एआई के काल्पनिक चित्रण का जी यूपीयूके हूबहू समान होने का दावा या पुष्टि नहीं करता.