Prayagraj News: उत्तर प्रदेश में संगम नगरी में अगले साल होने वाले महाकुंभ मेले में भक्तों को एक ही जगह पर द्वादश ज्यातिर्लिंगों के दर्शन हो जाएंगे. इसके लिए मेला प्रशासन की तरफ से सभी जरूरी कार्य किए जा रहे हैं. पढ़िए पूरी खबर ...
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Prayagraj Mahakumbh Mela 2025: उत्तर प्रदेश में संगम नगरी में अगले साल होने वाले महाकुंभ मेले में भक्तों को एक ही जगह पर द्वादश ज्यातिर्लिंगों के दर्शन हो जाएंगे. इसके लिए मेला प्रशासन की तरफ से सभी जरूरी कार्य किए जा रहे हैं. दरअसल, महाकुंभ मेला परिसर में मेला प्रशासन और वाराणसी नगर निगम की तरफ से एक शिवालय पार्क की निर्माण किया जा रहा है. यह पार्क महाकुंभ मेला क्षेत्र के पास स्थित है. महाकुंभ शिवालय पार्क का उद्देश्य शिवभक्तों और पर्यटकों को एक शांतिपूर्ण और धार्मिक वातावरण प्रदान करना है. जहां वे भगवान शिव की पूजा अर्चना कर सकें.
धार्मिक और सांस्कृतिक गतिविधियां
इस पार्क में भगवान शिव के विशाल मंदिरों के साथ-साथ विभिन्न धार्मिक और सांस्कृतिक गतिविधियां आयोजित की जाएंगी. यहां भक्तों के लिए विशेष रूप से द्वादश ज्यातिर्लिंगों के साथ अन्य धार्मिक प्रतीकों की पूजा करने की व्यवस्था की गई है. पार्क में हरियाली और शांतिपूर्ण वातावरण है. जोकि इसे पूजा, ध्यान के लिए एक आदर्श स्थल बनाता है.
आकर्षण का प्रमुख केंद्र
महाकुंभ शिवालय पार्क का महत्व धार्मिक दृष्टिकोण से अत्यधिक है. यह क्षेत्र स्थानीय लोगों और पर्यटकों के बीच एक प्रमुख आकर्षण बना हुआ है. 11 एकड़ के क्षेत्र में फैला यह पार्क विविधताओं से भरपूर है. जिसमें कला, प्रकृति और मनोरंजन का संगम देखने को मिलेगा. महाकुम्भ की शोभा को बढ़ाने हेतु निर्माणाधीन इस पार्क का निर्माण 14 करोड़ रुपए की लागत से किया गया है.
मूल स्थानों पर बनाए मंदिर
शिवालय पार्क को भारत के मानचित्र के आकार में डिज़ाइन किया गया है. जिसमें सभी प्रमुख मंदिर उनके मूल स्थानों पर ही बनाए गए हैं. ताकि आगन्तुक तीर्थ यात्रा का अनुभव कर सकें. पार्क में तुलसी वन और संजीवनी वन भी बनाया गया है. बच्चों के लिए अलग जोन बनाया जा रहा है. इसके अलावा पार्क के अंदर फूड कोर्ट और रेस्त्रां भी बनाया जा रहा है.
वेस्ट मटीरियल से होगा तैयार
शिवालय थीम पार्क को तैयार कराने में सबसे खास बात है कि इसमें अधिकतर वेस्ट मटीरियल का प्रयोग किया जा रहा है. इसके निर्माण कार्य में जुटी कंपनी जेड टेक इंडिया लिमिटेड के पास ही तीन साल तक इसके रख रखाव की जिम्मेदारी रहेगी.
इन मंदिरों का प्रतिरूप करवाया जा रहा है तैयार
सोमनाथ मंदिर (गिर सोमनाथ, गुजरात)
मल्लिकार्जुन स्वामी मंदिर (श्रीशैलम, आंध्र प्रदेश)
महाकालेश्वर मंदिर (उज्जैन, मध्य प्रदेश)
ओकारेश्वर मंदिर (खंडवा, मध्य प्रदेश)
बैद्यनाथ मंदिर (देवघर, झारखंड)
भीमाशंकर मंदिर (भीमाशंकर, महाराष्ट्र)
रामनाथस्वामी मंदिर (रामेश्वरम, तमिलनाडु)
नागेश्वर मंदिर (द्वारका, गुजरात)
काशी विश्वनाथ मंदिर (वाराणसी, उत्तर प्रदेश)
त्र्यंबकेश्वर मंदिर (नासिक, महाराष्ट्र)
केदारनाथ मंदिर (रुद्रप्रयाग, उत्तराखंड)
घृष्णेश्वर मंदिर (औरंगाबाद, महाराष्ट्र)
महत्वपूर्ण शिव मंदिर
बैजनाथ मंदिर - बैजनाथ, हिमाचल प्रदेश
पशुपतिनाथ मंदिर - काठमांडू, नेपाल
लिंगराज मंदिर - भुवनेश्वर, ओडिशा
वीरभद्र मंदिर - लेपाक्षी, आंध्र प्रदेश
शोर मंदिर - महाबलीपुरम, तमिलनाडु
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