Kumbh Snan Niyam: महाकुंभ में कितनी डुबकी लगाएं? किस मंत्र का करें जाप, पुण्य लाभ के लिए जरूरी ये बातें
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Kumbh Snan Niyam: महाकुंभ में कितनी डुबकी लगाएं? किस मंत्र का करें जाप, पुण्य लाभ के लिए जरूरी ये बातें

Kumbh Snan Niyam: 13 जनवरी से प्रयागराज में महाकुंभ शुरू होने वाला है. यह सनातन धर्म में महाकुंभ को धर्म और आस्था का सबसे बड़ा मेला कहा जाता है. इसे पूर्ण कुंभ भी कहा जाता है. महाकुंभ में स्नान करने के लिए खास नियम बताए गए हैं. जिनका पालन करने पर स्नान का पुण्य मिलता है. पढ़िए

Kumbh Snan Niyam

Kumbh Snan Niyam: प्रयागराज में 13 जनवरी से महाकुंभ शुरू होने वाला है. सनातन धर्म में महाकुंभ को धर्म और आस्था का सबसे बड़ा मेला कहा जाता है. इसे पूर्ण कुंभ भी कहा जाता है. हर 12 साल पूर्ण कुंभ बारी-बारी से देश के प्रमुख तीर्थ स्थलों पर आयोजित होता है. कहा जाता है कि महाकुंभ में स्नान करने से जन्म-जन्मांतर के पाप धुल जाते हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है. इसी वजह से महाकुंभ पर देश-विदेश से करोड़ों श्रद्धालु और साधु-संत संगम के तट पर पहुंचते हैं. करीब 40 करोड़ श्रद्धालुओं के महाकुंभ में आस्था की डुबकी लगाने की उम्मीद है. कुंभ में गृहस्थ यानी शादीशुदा लोगों के लिए स्नान के खास नियम बताए गए हैं. 

कुंभ स्नान के खास नियम
महाकुंभ में स्नान के लिए खास नियम बताए गए हैं. इन नियमों का पालन करने से विशेष पुण्य मिलता है. शाही स्नान के दिन जब साधु-संत स्नान कर लें तब गृहस्थ लोगों को स्नान करना चाहिए. शास्त्रों की मानें तो, कुंभ में स्नान करते वक्त कम से कम पांच डुबकी लगाना जरूरी है. स्नान करते समय 'गंगे च यमुने चैव गोदावरि सरस्वति, नर्मदे सिंधु कावेरी जलेस्मिन् सन्निधिं कुरू' मंत्र का जाप करें. यह मंत्र बेहद शक्तिशाली है और इसका प्रभाव आपको महाकुंभ में स्नान करने जैसा फल दे सकता है. कुंभ मेला समुद्र मंथन की कथा से जुड़ा है. मान्यता है कि अमृत कलश से अमृत की कुछ बूंदें इन चार स्थानों पर गिरी थीं, जिससे ये स्थान पवित्र हो गए. यह आयोजन न सिर्फ धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति, परंपरा और इतिहास को भी समृद्ध करता है.

कब-कब होगा शाही स्नान?
कुंभ मेले का आयोजन 45 दिन तक चलता है. जिसमें शाही स्नान की तिथियां अहम होती हैं. महासंगम 'कुंभ' में 6 शाही स्नान की तिथियां पड़ रही हैं जानिए इसकी तारीख.
13 जनवरी 2024- पौष पूर्णिमा
14 जनवरी 2025 - मकर संक्रांति
29 जनवरी 2025 - मौनी अमावस्या
3 फरवरी 2025 - वसंत पंचमी
12 फरवरी - माघ पूर्णिमा
26 फरवरी - महाशिवरात्रि पर्व 

क्या लेकर जाएं क्या नहीं?
अगर कुंभ मेले में जा रहे हैं तो अपने साथ जरूरी सामान ही साथ ले जाएं. पानी की बोतल, हल्का खाना और जरूरी कागजात सबसे जरूरी चीजें हैं. इसके अलावा रहने की व्यवस्था पहले से बना लें. कोशिश करें कम से कम सामान लेकर जाएं. रहने के लिए ज्यादा दूर न हो. साथ ही हाथों की साफ-सफाई का ध्यान रखें. मेले में आप अपना कोई कीमती सामान, जरूरत से ज्यादा खाना और ज्यादा कपड़े न लेकर जाएं. अजनबी लोगों पर भरोसा न करें. अनाधिकृत स्थानों पर खाना खाते समय सावधानी रखें. तय की गई सीमा से ज्यादा नदी में न जाएं. डूबने का खतरा रहेगा. 

महाकुंभ में क्या न करें?
घर से स्नान करके ही जाएं. स्नान के समय साबुन, डिटर्जेंट जैसी चीजों का इस्तेमाल न करें. कपड़े न धोएं. पूजा सामग्री नदी में न डालें. कहीं पर भी प्लास्टिक की थैलियों का इस्तेमाल न करें. खुले में शौच या पेशाब न करें. अगर आपको कोई संक्रामक रोग है तो आप भीड़-भाड़ वाली जगहों पर न जाएं.

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