Prayagraj News: प्रयागराज में महाकुंभ की तैयारियों के बीच गुरुवार को आखाड़ा परिषद के संतों के दो गुटों में संग्राम छिड़ गया. मेला प्राधिकरण कार्यालय में ही संतों के दो गुटों ने एक दूसरे पर खूब लात-घूंसे चलाए.
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Prayagraj/Mohd Gufran: प्रयागराज में मेला प्राधिकरण कार्यालय में गुरुवार को उस वक्त अराजक स्थिति पैदा हो गई जब अखाड़ों के दो धड़ों के संतों के बीच भूमि आवंटन को लेकर विवाद भड़क गया. इस दौरान दोनों पक्षों के संतों ने एक-दूसरे पर जमकर मुक्के बरसाए, जिससे माहौल तनावपूर्ण हो गया.
भूमि आवंटन को लेकर हुआ विवाद
सूत्रों के अनुसार, यह विवाद भूमि आवंटन से जुड़ा था, जिसमें दोनों पक्ष अपनी-अपनी मांगों को लेकर आमने-सामने आ गए. अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रवींद्र पुरी और महामंत्री हरी गिरी की मौजूदगी में ही विवाद ने उग्र रूप ले लिया और दोनों पक्षों के बीच कहासुनी बढ़ते-बढ़ते हाथापाई में बदल गई.
घटना के दौरान मेला प्रशासन से जुड़े अधिकारी भी मौके पर मौजूद थे, जिन्होंने स्थिति को काबू करने की कोशिश की. हालांकि, संतों के बीच झगड़ा इतना बढ़ गया कि अधिकारियों को हस्तक्षेप करने में भी परेशानी का सामना करना पड़ा.
प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि इस विवाद को सुलझाने के लिए पहले भी प्रयास किए गए थे, लेकिन दोनों पक्ष अपनी-अपनी मांगों पर अड़े रहे, जिसके चलते स्थिति और बिगड़ गई. इस घटना ने मेले के वातावरण पर भी नकारात्मक प्रभाव डाला है, और इसे लेकर श्रद्धालुओं में भी चिंता देखी जा रही है.
मेला प्राधिकरण अब इस विवाद को शांतिपूर्वक सुलझाने की कोशिश कर रहा है ताकि आगामी आयोजनों पर इसका असर न पड़े.
मारपीट करने वाले संतों के खिलाफ शिकायत
वहीं घटना के बाद मारपीट करने वाले संतों के खिलाफ निर्मोही अखाड़े की तरफ से शिकायत दर्ज कराई गई है. यह शिकायत निर्मोही अखाड़े के राजेंद्र दास की तरफ से दर्ज कराई गई है, जिसमें आधा दर्जन से ज्यादा संतों को आरोपी बनाया गया है. इसके अलावा निर्मोही अखाड़े के संतों ने मेला अधिकारी को दी गई लिखित शिकायत में संतों की सुरक्षा की मांग भी की है.
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