Sonprayag Landslide: आज सुबह केदार घाटी के सोनप्रयाग में पहाड़ी फिर लैंडस्लाइड हुआ है. जिसके कारण आवाजाई पर ब्रैक लग गया है. NDRF और SDRF के जवान मलबा हटा रहे है.
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Uttarakhand Sonprayag Landslide: उत्तराखंड के केदारघाटी और सोनप्रयाग में एक बार फिर से आफत की खबर सामने आई है. गुरुवार सुबह ही एनडीआरएफ की टीम रेस्क्यू कर रही थी कि इस बीच जबरदस्त लैंडस्लाइड हो गई. इसके चलते एक बार फिर से एनडीआरएफ की टीम को रेस्क्यू रोकना पड़ा. लैंडस्लाइड से हालांकि किसी तरह के जान माल के नुकसान की घटना सामने नहीं आई है. फिलहाल इस मार्ग पर आवाजाही पर रोक लगा दी गई है. NDRF और SDRF के जवान मलबा हटा रहे है.
भागीरथी में फंसे मवेशी
तो वहीं उत्तरकाशी नेताला सिरोर के पास भागीरथी नदी की तेज धाराओं के बीच टापू पर तीन मवेशी फंस गए थे. इसकी सूचना जैसे ही आपदा प्रबंधन विभाग को मिली तो वे मौके पर पहुंच गए. आपदा प्रबंधन और फायर सर्विस की टीम मौके पर पहुंची और स्थानीय लोगों के सहयोग से नदी के बीच टापू पर फंसे 3 मवेशियों को कड़ी मशक्कत के बाद भागीरथी नदी से रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थान पर पहुंचा दिया.
कुमाऊं कमिश्नर ने दिए निर्देश
हल्द्वानी- कालाढूंगी- रामनगर देहरादून स्टेट हाईवे पर बीते दिनों भारी बारिश की वजह से नाले के पास पुल के आसपास का हिस्सा बह गया था. जिससे आवाजाही पूरी तरह बंद हो गई है. फिलहाल अन्य वैकल्पिक रास्तों से हल्द्वानी से रामनगर के लिए ट्रैफिक डायवर्ट किया गया है और वैली ब्रिज बनाने का काम किया जा रहा है. कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत ने कहा की लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को 10 दिन के भीतर इस मार्ग को खोलकर यातायात सुचारु करने के निर्देश दिए हैं क्योंकि लोगों को दूसरे रास्ते से जाने में काफी परेशानी उठानी पड़ रही है.
बद्रीनाथ के पास चरण पादुका में फंसे साधुओं का रेस्क्यू
07 अगस्त की शाम को कोतवाली बद्रीनाथ से एक महत्वपूर्ण सूचना प्राप्त हुई थी कि कुछ साधु चरण पादुका के पास रास्ता भटक गए हैं. इस सूचना पर तुरंत प्रतिक्रिया देते हुए उप निरीक्षक श्री दीपक सामंत के नेतृत्व में एक रेस्क्यू टीम 07:10 पर घटनास्थल के लिए रवाना की गई थी. रेस्क्यू टीम ने कठिन और दुर्गम पहाड़ी रास्ते पर 03 किलोमीटर का पैदल ट्रैक करते हुए मौके पर पहुंची. बताया जा रहा था कि उफनती हुई तेज वेग से चलती बरसाती धारा के दूसरी ओर साधु से हुए थे. लेकिन टीम ने उपलब्ध संसाधनों का उपयोग करते हुए बरसाती धारा के बीच में फंसे साधुओं तक पहुंच गए. टीम ने अपनी तत्परता और कुशलता से कार्य करते हुए कुछ ही समय में चरण पादुका पहुंचकर वहां फंसे हुए साधुओं को सुरक्षित रेस्क्यू कर बाहर निकाल लिया.
4 साधुओं को निकाला बाहर
1. बाबा सर्वेश्वर, उम्र 32 वर्ष, निवासी खाम चौक.
2. जितेंद्र गिरी महाराज, उम्र 38 वर्ष.
3. शिवानंद सरस्वती, उम्र 31 वर्ष, निवासी पाताल गंगा लांची.
4. बाबा हरिलाल, उम्र 82 वर्ष, निवासी खाम चौक.