दरअसल, कानपुर से भोपाल तक 526 किलोमीटर लंबा फोर लेन इकोनॉमिक कॉरिडोर बनाया जा रहा है. इसे चार चरणों में बनाया जाएगा. इसके लिए साढ़े तीन हजार करोड़ रुपये केंद्र सरकार ने दिए हैं.
कानपुर-भोपाल इकोनॉमिक कॉरिडोर में मध्यप्रदेश में करीब 360 किमी. की सड़क का निर्माण किया जाएगा. एमपी में मार्ग छतरपुर के सतई घाट से उत्तर प्रदेश के कैमाहा तक सड़क बनाई जाएगी.
यहां से करीब 165 किमी दूर कानपुर को जोड़ा जाएगा. यह कॉरिडोर उत्तर प्रदेश के कैमाहा और फिर कानपुर तक बनाया जाएगा. भोपाल-कानपुर इकोनॉमिक कॉरिडोर में छतरपुर से गुजरने वाला सागर-कबरई हाइवे भी शामिल है.
साल 2023 में इस कॉरिडोर को बनाने की घोषणा की गई थी. अभी भोपाल और कानपुर के बीच 2 लेन रोड है. इसे फोर लेन किया जाएगा. इसके बाद कानपुर से भोपाल तक सफर आसान हो जाएगा.
कानपुर से भोपाल तक बनने वाले चार लेन कॉरिडोर से दोनों शहर की दूरी बहुत कम नहीं होगी, लेकिन यात्रा में करीब दो घंटे का समय कम हो जाएगा. इसे 2026 तक बनाने का लक्ष्य है.
यह कॉरिडोर कानपुर से कबरई, महोबा होते हुए मध्य प्रदेश के छतरपुर में इकोनॉमिक कॉरिडोर से जुड़ जाएगा. इससे कई और शहरों को सीधे फायदा होगा.
बता दें कि कानपुर से भोपाल की दूरी अभी तक लगभग 560 किमी है. इसको तय करने में 12 से 14 घंटे का समय लगता है लेकिन कानपुर-भोपाल इकोनॉमिक कॉरिडोर बनने से यह सफर मात्र सात घंटे में पूरा हो जाएगा.
कानपुर से कबरई महोबा समानांतर 112 किमी हाईवे का निर्माण होगा. यह हाईवे कानपुर नगर, देहात, हमीरपुर और महोबा सीमा से छतरपुर में इकोनॉमिक कॉरिडोर से मिल जाएगा.
अभी कानपुर से हमीरपुर टू लेन हाईवे पर नौबस्ता से हमीरपुर के ट्रैफिक लोड ज्यादा होने से जाम लगता है. नौबस्ता से लेकर घाटमपुर और हमीरपुर से महोबा तक हाईवे बनाने में लगभग 3700 करोड़ रुपये खर्च होंगे.
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