श्री बदरीनाथ और श्री केदारनाथ धामों के नाम, फोटो, वीडियो आदि को अब कर्मशियल के तौर पर इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे. अगर ऐसा किया तो कड़ी कार्रवाई हो सकती है.
आपने अक्सर ऐसे बोर्ड लगे हुए देखें होंगे जो मशूहर होते हैं या धार्मिक आस्था से जुड़े होते हैं. लोगों को आकर्षक करने के लिए इन नामों का इस्तेमाल किया जाता है. जैसे केदारनाथ होटल या बदरीनाथ ढाबा. पर अब धार्मिक स्थानों का नाम लगाने से पहले आपको जरूर सोचना है क्योंकि इन पर सख्ती लगाने की तैयारी शुरू हो गई है.
केदारनाथ और बदरीनाथ धाम के नाम, फोटो या वीडियो का अपने दुकानों, होटलों, फोटोग्राफी में उपयोग करना भारी पड़ सकता है.
इन्हीं मामलों में श्री बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति की ओर से कानूनी कार्रवाई की जाएगी. इसके लिए मंदिर समिति कानूनी नोटिस भी जारी कर सकती है.
अभी हाल ही में इंटरनेट मीडिया पर बदरीनाथ और केदारनाथ धाम के नाम से धर्मशाला व मल्टी स्पेशलिटी हास्पिटल बनाने की भ्रामक सूचना प्रसारित की गई.
बीकेटीसी अध्यक्ष अजेंद्र अजय के मुताबिक प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा भी इस संबंध में आवश्यक दिशा – निर्देश दिए गए हैं. इनको नहीं मानने पर कार्रवाई हो सकती है.
धामों के नाम से ट्रस्ट बनाकर चंदा लेने के मामले भी सामने आते रहते हैं. कुछ दिनों पहले एक एप के माध्यम से धामों में आनलाइन पूजा कराने के नाम पर भी श्रद्धालुओं से पैसे लिए गए.
धामों के नाम पर लोगों को किसी भी तरह से बहकावे से बचाने के लिए सरकार की तरफ से निर्देश लागू किए गए हैं. अगर ऐसा आपको दिखता है तो इसकी शिकायत थाने में कर सकते हैं.
इन्हीं मामलों को देखते हुए दोनों धामों के नाम, फोटो, वीडियो आदि के व्यावसायिक धामों के नाम से ट्रस्ट बनाकर धर्मशाला और हास्पिटल बनाने के लिए चंदा लिया जाता है.
ऑनलाइन पूजा कराने के नाम पर भी श्रद्धालुओं से पैसे वसूले जाते हैं. इसे रोकने के लिए मंदिर समिति कानूनी रास्ता तलाश रही है.
दिल्ली में प्रतीकात्मक रूप से भगवान केदारनाथ मंदिर निर्माण के शिलान्यास को लेकर विवाद भूमि पूजन के बाद से ही खड़ा हो गया है. केदारनाथ धाम से लेकर केदारघाटी के लोगों में विरोध स्वर उठने शुरु हो गए हैं. पुरोहितों से लेकर स्थानीय लोगों और कारोबारियों ने दिल्ली में केदारनाथ के मंदिर निर्माण के फैसले को वापस लेने की मांग कर रहे हैं.
मंदिर समिति ने भी अपील की है कि वह भ्रामक संस्थाओं अथवा ट्रस्ट के झांसे में न आएं. समिति के अधीनस्थ सभी मंदिरों में पूजा व्यवस्था, धर्मशाला निर्माण, संस्कृत विद्यालयों की व्यवस्था आदि का कार्य भी समिति के ही अधीन है.
Online पूजा या अन्य कोई जानकारी मंदिर समिति की अधिकृत वेबसाइट www.badrinath- kedarnath.gov.in के माध्यम से प्राप्त की जा सकती है.