Shahjahanpur News : शाहजहांपुर पुलिस ने दो साल पहले मृत को क्षेत्र का सबसे बड़ा गुंडा दिखा दिया. इतना ही नहीं पुलिस के मुताबिक, गांव की महिलाएं मृत से खौफ खा रही हैं. महिलाओं से छेड़छाड़ करता है. मामला उजागर होने पर डीएम पारा सातवें आसमान पर पहुंचा.
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शिवकुमार/शाहजहांपुर : यूपी पुलिस के कारनामे के किस्से आते रहते हैं. ऐसा ही एक किस्सा शाहजहांपुर से सामने आया है. यहां कोतवाल ने दो साल पहले मृत व्यक्ति को शहर का बड़ा गुंडा बता डाला. इतना ही नहीं एक 14 साल के किशोर को भी गुंडा एक्ट में दिखा दिया. पूरे मामले की शिकायत जिलाधिकारी से की गई है. उन्होंने जांच के आदेश दिए हैं.
यह है पूरा मामला
दरअसल, यह घटना कटरा थाना क्षेत्र के कंकरिया धर्मपुर की है. यहां के रहने वाले मोनू की दो साल पहले मौत हो गई थी. लेकिन शाहजहांपुर पुलिस के मुताबिक, वह स्वर्ग से आकर गुंडागर्दी करता है. ऐसा हम नहीं कह रहे हैं बल्कि यह कारनामा कटरा थाना के तत्कालीन इंस्पेक्टर प्रवीण सोलंकी ने कर दिखाया है. इंस्पेक्टर प्रवीण सोलंकी ने अपनी रिपोर्ट में 2 साल पहले 21 जुलाई 2021 मर चुके मोनू को इलाके का सबसे बड़ा गुंडा बताया है.
गांव की महिलाओं से छेड़छाड़ का आरोप
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि मोनू गांव की महिलाओं और लड़कियों के साथ छेड़छाड़ करता है और उसका गांव में आतंक है. इतना ही नहीं थाने के तत्कालीन इंस्पेक्टर प्रवीण सोलंकी ने इसी थाना क्षेत्र के पिपरी गांव के रहने वाले 14 साल के तस्लीम भी अपनी रिपोर्ट में गुंडा बताया और दोनों के खिलाफ गुंडा एक्ट की कार्रवाई कर दी. पुलिस इंस्पेक्टर ने ये कार्यवाही 25 मार्च 2022 में की थी, लेकिन जब दोनों परिवारों ने जिलाधिकारी को मोनू का मृत्यु सर्टिफिकेट सौंपा और नाबालिग के जन्मतिथि का सर्टिफिकेट सौंपा तो जिलाधिकारी का पारा सातवें आसमान पर चढ़ गया.
सीएम योगी से कार्रवाई की मांग
जिलाधिकारी ने मामले को गंभीर मानते हुए इसकी जांच एसपी सिटी से करवाई. इसमें इंस्पेक्टर प्रवीण सोलंकी दोषी पाए गए. मरे हुए व्यक्ति और नाबालिग को गुंडा बनाने वाले इंस्पेक्टर को उनके अधिकारी बचाने में लगे हुए हैं. मामले में जिम्मेदार इंस्पेक्टर के खिलाफ कार्रवाई ना होने पर परिजनों ने सीएम योगी से कार्रवाई की मांग की है. परिवार वालों का कहना है कि पुलिस की इस कार्रवाई से उनके निजी भावनाओं को ठेस पहुंची है.
डिप्रेशन का शिकार हुआ किशोर
वहीं 14 साल के किशोर को गुंडा एक्ट में शामिल करने पर तस्लीम के परिवार वालों का कहना है कि गुंडा एक्ट की कार्रवाई से आहत होकर उनका बेटा एक बार आत्महत्या की कोशिश कर चुका है. बच्चे ने पढ़ाई छोड़ दी है क्योंकि उसका कहना है कि पुलिस ने उसे गुंडा एक्ट में निरुद्ध किया है. इसके चलते आए दिन लोग उसका मजाक बनाते हैं. इससे वह डिप्रेशन का शिकार हो गया है.
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