Uttarakhand Budget 2023 : धामी सरकार को बजट सत्र में देना होगा 600 से अधिक सवालों के जवाब, ग्रीन टैक्स समेत इन घोषणाओं पर रहेगी नजर
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Uttarakhand Budget 2023 : धामी सरकार को बजट सत्र में देना होगा 600 से अधिक सवालों के जवाब, ग्रीन टैक्स समेत इन घोषणाओं पर रहेगी नजर

Uttarakhand Budget 2023 :परीक्षाओं में गड़बड़ियों के  मुद्दे से लेकर राज्य में गहराते बिजली संकट पर धामी सरकार को बजट सत्र में विपक्ष के सवालों से गुजरना होगा. 13 मार्च से शुरू होने वाले बजट सत्र में प्रदेश सरकार लगभग 79 हजार करोड़ रुपये का बजट पेश करेगी.

पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री उत्तराखंड
कुलदीप नेगी/देहरादून : 13 मार्च से उत्तराखंड विधानसभा का बजट सत्र शुरू हो रहा है. 15 मार्च को सरकार अपना बजट पेश करेगी. धामी सरकार का ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण में पहला बजट सत्र होगा. इस बार विधायकों की ओर से करीब 600 से अधिक सवाल विधानसभा को भेजे गए हैं. विधानसभा सचिवालय की तरफ से भी बजट सत्र को लेकर व्यापक तैयारियां की गई है. सत्र के दौरान लॉ एंड ऑर्डन बनाए रखने के लिए पहले ही बैठक के जरिए विधानसभा अध्यक्ष ने निर्देश दिए हैं. बजट सत्र के दौरान सचिवालय और विधान सभा सचिवालय के कर्मचारियों की छुट्टी पर रोक रहेगी. विभाग सदन में रखे जाने वाले विधेयक , प्रत्यावेदन , सवालों के जवाब तैयार करने में जुटे हैं.
 
सोशल मीडिया से भी आए सुझाव
धामी सरकार ने बजट तैयार करने के लिए सभी वर्गों से सुझाव मांगे थे. ये सभी सुझाव व्हाट्स एप, ईमेल द्वारा मिले हैं. बजट को लेकर वित्त मंत्री प्रेम अग्रवाल और सीएम पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेश के सीनियर सिटिजन, उद्यमियों और कारोबारियों से बात की है. माना जा रहा है कि बजट में हर तबके का ध्यान रखा जाएगा. जानकारी के मुताबिक राज्य सरकार हिमाचल की तरह स्टेट में आने वाले बाहरी वाहनों से एंट्री टैक्स या ग्रीन टैक्स वसूलने का विचार कर सकती है. गैरसैंण को उत्तराखंड सरकार ने ग्रीष्म कालीन राजधानी घोषित की है. इस बात के कयास लगाए जा रहे हैं कि बजट सत्र के बाद उत्तराखंड की शासन व्यवस्था गैरसैंण से ही चलाने की घोषणा भी धामी सरकार कर सकती है. 
 
विपक्ष उठाएगा मुद्दे
इस दौरान विपक्ष सरकार को घेरने के लिए अलग-अलग मुद्दे उठा सकता है. राज्य को सबसे अधिक राजस्व देने वाले विभागों में शामिल आबकारी विभाग की नई नीति अभी तक अस्तित्व में नहीं आ पाई है. पुरानी नीति की अवधि इसी महीने खत्म हो रही है. सामान्यत: बजट सत्र में नई नीति की जानकारी विभागीय बजट पेश करते हुए दी जाती है. इसमें अनुमानित राजस्व का उल्लेख किया जाता है, जो अनुमानित राजस्व प्राप्ति के मद की राशि को बढ़ाता अथवा घटाता है.
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