डीएम ने अपने कुक को रिटायरमेंट पर दी कभी न भूलने वाली विदाई, सरप्राइज की हर तरफ तारीफ
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डीएम ने अपने कुक को रिटायरमेंट पर दी कभी न भूलने वाली विदाई, सरप्राइज की हर तरफ तारीफ

Bahraich News : एक अक्‍टूबर को देश भर में अंतरराष्ट्रीय वृद्ध दिवस पर आयोजन किए जा रहे थे. वहीं, यूपी के बहराइच में डीएम आवास पर अनोखा सरप्राइज देने की तैयारी चल रही थी. 

Bahraich DM Monika Rani give unique retirement party of cook

राजीव शर्मा/बहराइच : यूपी में बहराइच की जिलाधिकारी मोनिका रानी ने ऐसी मिसाल पेश की है, जिसकी हर तरफ तारीफ ही तारीफ हो रही है. दरअसल, डीएम मोनिका रानी ने अपने कार्यालय में कार्यरत सरकारी कर्मचारी को रिटायरमेंट पर अनोखे अंदाज में विदाई दी. 32 साल से बतौर डीएम आवास पर सेवा दे रहे इंद्र बहादुर को भी ऐसी विदाई की उम्मीद नहीं थी. उन्हें भावुक विदाई देते समय हर एक की आंखों में आंसू दिखाई दिए. उन्होंने इसे जिंदगी का कभी न भूलने वाला दिन करार दिया.

32 साल बाद ऐसे रिटायरमेंट पर निकले आंसू
एक अक्‍टूबर को देशभर में अंतरराष्ट्रीय वृद्ध दिवस पर आयोजन किए जा रहे थे. वहीं, यूपी के बहराइच में डीएम आवास पर अनोखे सरप्राइज की तैयारी चल रही थी. डीएम आवास पर 32 साल से तैनात इंद्र बहादुर के रिटायरमेंट पर डीएम मोनिका रानी ने सह परिवार विदाई समारोह में शामिल हुईं.  

कई जिलाधिकारियों की कर चुके हैं सेवा 
इंद्र बहादुर नेपाल के रहने वाले हैं और पिछले 32 सालों से बहराइच के जिलाधिकारी आवास पर बतौर किचन मैनेजमेंट यानी कुकिंग का काम कर रहे थे. अपनी तैनाती से अब तक इंद्र बहादुर कई दर्जन जिलाधिकारियों की सेवा करने के बाद जब रिटायर हुआ तो, कर्मचारी के रिटायरमेंट की जानकारी होते ही जिलाधिकारी मोनिका रानी ने सरप्राइज देने का सोचा. 

पति और बच्‍चे भी मौजूद रहे 
इसमें जिलाधिकारी ने अपने पति नीरज दहिया और बेटी संग कर्मचारी की पूरे रश्म अदायगी के साथ विदाई की. इंद्र बहादुर को डीएम मोनिका रानी ने सपरिवार फूल माला,  शॉल, अंगवस्त्र व छड़ी भेंट करने के उपरांत मिठाई खिलाकर हौसला अफजाई किया. 

गनर संग सरकार गाड़ी में बैठाकर घर भेजवाया 
इसके बाद इंद्र बहादुर को उनके घर तक भिजवाने के लिए अपनी सरकारी स्कोर्ट गाड़ी में बैठाकर गनर के साथ घर तक भेजवाया. इस मौके डीएम मोनिका रानी ने कर्मचारी के पीठ पर हाथ रखकर उसका मान बढ़ाया. ऐसा सम्मान मिलकर इंद्र बहादुर का दिल भर आय़ा. रास्ते भर उसकी आंखों से आंसू बंद नहीं हुए. पुलिस प्रशासन के कर्मचारी भी कहते रहे कि काश सबको ऐसे जिंदादिल अफसर के जरिये विदाई मिले, जो जिंदगी भर एक खुशनुमा याद बनकर रह जाए. 

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