दुनिया का एकलौता बैंक जहां पैसे नहीं, यहां जमा है राम नाम का खजाना, जानें इस बैंक की खासियत
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दुनिया का एकलौता बैंक जहां पैसे नहीं, यहां जमा है राम नाम का खजाना, जानें इस बैंक की खासियत

Ayodhya Ram Mandir : राम के नाम की महिमा अपरंपार है, राम नाम के स्मरण मात्र से ही बिगड़े काम संवर जाते हैं. इसी धारणा के साथ श्रीराम की अमूल्य पूंजी को यहां श्री सीताराम नाम बैंक में संग्रह किया जा रहा है. 

फाइल फोटो

अंशुमान पांडेय/सोनभद्र : यूपी के सोनभद्र में एक ऐसा बैंक है जो श्री सीताराम के नाम का है. बैंक में अब तक 11 करोड़ से अधिक सीताराम नाम का संग्रह हो चुका है. इस अद्भुत बैंक के प्रत्येक खाताधारक को पासबुक भी जारी किया जाता है. इसमें उसकी जमा पूंजी का उल्लेख किया जाता है. इस सीताराम नाम के बैंक में राम नाम जमा है, इस बैंक की यही खासियत है. 

सीताराम नाम बैंक 
राम के नाम की महिमा अपरंपार है, राम नाम के स्मरण मात्र से ही बिगड़े काम संवर जाते हैं. इसी धारणा के साथ श्रीराम की अमूल्य पूंजी को यहां श्री सीताराम नाम बैंक में संग्रह किया जा रहा है. पिछले 11 वर्षों से संचालित इस अनूठे बैंक में अब तक 11 करोड़ नाम धन का संग्रह हो चुका है. निरंतर इसकी पूंजी बढ़ती जा रही है. 

ऐसे हुई स्‍थापना 
साल 2012 में नगर के पूरब मोहाल में श्रीसीताराम नाम बैंक की स्थापना हुई थी. अयोध्या स्थित केंद्रीय प्रधान कार्यालय से आए प्रबंधक पुनीतरामदास महाराज ने इसका उदघाटन किया था, तब से अनवरत रूप से इस बैंक का संचालन होता आ रहा है. दो कमरों में संचालित बैंक के 169 स्थायी खाताधारक हैं, जबकि करीब दो सौ लोग अस्थायी सदस्य हैं. 

जमा पूंजी का उल्‍लेख 
प्रत्येक खाताधारक को पासबुक भी जारी होता है. इसमें उसकी जमा पूंजी का उल्लेख किया जाता है. जिले में बैंक का संचालन कर रहे रमाकांत शुक्ल का कहना है कि बैंक से जुड़ने वालों को एक पुस्तिका दी जाती है, जिस पर लाल अक्षरों में श्रीराम का नाम अंकित करना होता है. एक पुस्तिका में 21312 बार नाम लिखा जाता है.

अब तक 11 करोड़ नाम संग्रहित 
इसके बाद इसे भरकर खाताधारक बैंक में जमा करते हैं. अब तक करीब 11 करोड़ नाम धन संग्रहित हो चुका है. इसे भव्य यज्ञ के बाद अयोध्या स्थित प्रधान कार्यालय भेजा जाएगा. बताया कि 14 जनवरी से सदस्य बढ़ाने के लिए घर-घर पहुंचकर जागरूकता अभियान चलाया जाएगा. 

श्रीराम नाम का स्‍मरण हो किया जाए 
बैंक संचालक रमाकांत शुक्ल के मुताबिक, श्रीराम के नाम का अधिक बार स्मरण किया जा सके, इसलिए यह बैंक स्थापित किया गया है. साल 2019 से पहले इसमें करीब 110 सदस्य थे. मंदिर निर्माण पर कोर्ट का फैसला आने के बाद खाताधारकों की संख्या बढ़ी है. वर्तमान में करीब 169 स्थायी और दो सौ से अधिक अस्थायी खाताधारक हैं.

पांच लाख नाम जमा करना होता है 
स्थायी सदस्य बनने के लिए कम से कम पांच लाख नाम जमा कराने होते हैं. उन्हीं का खाता खोला जाता है और पासबुक भी जारी होता है. इससे कम होने पर उन्हें अस्थायी सदस्य के रूप में शामिल किया जाता है. उनकी पुस्तिका जमा होती है, खाता नहीं खुलता. 

सीताराम नाम बैंक में ऐसे खुलेगा खाता 
श्री सीताराम नाम बैंक में खाता खोलने के लिए पात्रता भी निर्धारित है. वहीं, लोग इसके सदस्य हो सकते हैं, जो धर्म परायण, सदाचार एवं विधि-विधान का पालन करते हों और शाकाहारी हों. व्याभिचार से दूर रहे और नाम लिखते समय पान, तंबाकू सहित किसी नशीले पदार्थ का सेवन करें. 

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