Modhera Surya Mandir: मोढेरा सूर्य मंदिर का निर्माण सोलंकी वंश से संबंध रखने वाले सूर्यवंशी राजा भीमदेव प्रथम ने करवाया था. राजा भीमदेव प्रथम सूर्यवंशी थे इसलिए वे सूर्य देव को कुलदेवता के रूप में पूजा करते थे.
अय़ोध्या में भव्य श्रीरामजन्मभूमि मंदिर का उद्घाटन 22 जनवरी को होना है. प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम से पहले पूरे देश में गजब का उत्साह है. राममंदिर के अलावा देश में एक ऐसा प्राचीन मंदिर है जिसका कनेक्शन प्रधानमंत्री मोदी के राज्य से हैं. हम बात कर रहे हैं गुजरात के मोढ़ेरा सूर्य मंदिर की. मोढ़ेरा सूर्य मंदिर मध्यकालीन भारत के भव्य और मनोरम मंदिरों में गिना जाता है.
यह मंदिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गृह राज्य गुजरात में ही स्थित है. मोढेरा सूर्य मंदिर गुजरात राज्य में मेहसाना जिले के पाटन से 30 किमी दक्षिण की ओर मोढेरा नामक गांव में स्थित है. मेहसाणा जिले के मोढ़ेरा में यह सूर्य मंदिर पुष्पावती नदी के किनारे सूर्यवंशी सोलंकी राजा भीमदेव प्रथम ने बनवाया था. यह सूर्य मन्दिर भारतवर्ष में विलक्षण स्थापत्य और शिल्प कला का बेजोड़ उदाहरण है.
यह ओडिशा के कोर्णाक सूर्य मंदिर के बाद दूसरा सबसे प्रसिद्ध मंदिर है. यह सूर्य मंदिर गुजरात राज्य के प्रमुख पर्यटन स्थलों का मुख्य केंद्र है जिसे गुजरात के खजुराहों के नाम से भी जाना जाता है.
इस मंदिर में भगवान सूर्य की प्रतिमा स्थापित है. इसे इस तरह बनाया गया कि सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त तक सूरज की किरणें जरूर पड़ती हैं. मंदिर की बनावट ही ऐसी कि, उसमें ढेरों छोटी-छोटी सीढ़नुमा आकृति खासतौर पर बारिश में ही ध्यान आकर्षित करती हैं.
मंदिर का सभा मंडप 52 स्तंभों पर निर्मित किया गया है और ये 52 स्तंभ वर्ष के 52 सप्ताह को प्रदर्शित करते हैं. इस मंदिर के परिसर को तीन भागों में बांटा गया. इस मंदिर के निर्माण में चूने का इस्तेमाल नहीं हुआ है.
महाभारत-रामायण की चित्रकारी इस मंदिर की वास्तुशिल्प कला के उत्कृष्ट उदाहरण मिल जाएंगे. यह मंदिर इसलिए भी प्रसिद्ध है, क्योंकि यहां खजुराहो जैसी नक्काशी मौजूद है.इसे गुजरात का खजुराहो भी कहा जाता है.
इस सूर्य मंदिर में पूजा करना निषिद्ध है और यहां अब मूर्तियां भी नहीं हैं. फिर भी लोग इसे देखने आते हैं. बरसात के मौसम में यह मंदिर अद्भुत छटा बिखेरता है. वहीं, दिवाली के समय इसकी भव्यतादेखी जा सकती है.
ऐसा कहा जाता है कि रावण का अंत करने के बाद भगवान राम ब्रह्महत्या से मुक्ति के लिए धर्मरन्य आए थे और यहीं पर व्रत, हवन किया था. श्री राम ने एक नगर भी बसाया था, जिसे ही मोढेरा कहा गया. इतना ही नहीं, उन्होंने जहां हवन किया था, वहीं पर सूर्य मंदिर की स्थापना की गई.
विश्व प्रसिद्ध सूर्य मंदिर परअलाउद्दीन खिलजी ने हमला किया। उसने इस मंदिर को खंडित कर दिया था. इसके साथ ही गर्भगृह में रखी सूर्य की स्वर्ण प्रतिमा और खजाने को भी लूटा था.