Ayodhya Hindi News: अयोध्या में श्रीराम विवाहोत्सव की तैयारियां जोरों पर हैं. जानकी महल में पांच किलो सोने के आभूषणों से भगवान श्रीसीताराम को श्रृंगारित किया जाएगा. बरात में शहनाई, झांकी और कलाकारों की विशेष प्रस्तुतियां होंगी। मिथिला परंपरा के अनुसार यह उत्सव भव्यता से मनाया जाएगा.
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Ayodhya News: रामनगरी में श्रीराम विवाहोत्सव की तैयारियां पूरे जोरों पर हैं. इस बार जानकी महल का उत्सव बेहद खास और भव्य होने वाला है. माता जानकी के मायके के रूप में प्रसिद्ध जानकी महल में भगवान श्रीसीताराम को पांच किलो सोने से निर्मित आभूषण धारण कराए जाएंगे.
भव्य तैयारियां और आकर्षण
जानकी महल में इस बार का विवाहोत्सव पहले से अधिक भव्य होगा. रामजन्मभूमि में भगवान रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद पहली बार यह उत्सव इतने धूमधाम से मनाया जाएगा. छह दिसंबर को मुख्य विवाह उत्सव होगा, जिसमें भगवान श्रीराम की बरात रामनगरी के विभिन्न मंदिरों से निकलेगी. लखनऊ की शहनाई, राजस्थान के कलाकारों का नृत्य, और दिल्ली की आकर्षक लाइटिंग बरात का हिस्सा होंगे.
फुलवारी लीला और मिथिला परंपरा का संगम
तीन दिसंबर से उत्सव का आरंभ रामार्चा महायज्ञ, गणेश पूजन और रामलीला के साथ होगा. चार दिसंबर को फुलवारी लीला जानकी महल के मुख्य आंगन में प्रस्तुत की जाएगी. यह फुलवारी त्रेता युग की उस फुलवारी की झलक देगी, जहां श्रीराम और माता सीता का पहली बार मिलन हुआ था.
बरातियों के लिए विशेष प्रबंध
इस वर्ष की बरात में छह बग्घी, ऊंट, घोड़े और विभिन्न प्रदेशों के लगभग एक हजार लोग शामिल होंगे. बनारस के काशी चाट भंडार और कलकत्ता की चाय-टोस्ट बरातियों को परोसी जाएगी. झारखंड और राजस्थान के कलाकार अपनी सांस्कृतिक प्रस्तुतियां देंगे.
सोने के आभूषणों से श्रृंगार
जानकी महल ट्रस्ट के ट्रस्टी आदित्य सुल्तानिया के अनुसार, इस वर्ष दूल्हा सरकार (भगवान श्रीराम) और किशोरी जी (माता सीता) के लिए पांच किलो सोने से बने मुकुट, हार और कर्धन जैसे आभूषण तैयार किए गए हैं. ये आभूषण भगवान के विग्रह को भव्य रूप प्रदान करेंगे.
दान और सेवा कार्य
बरात के दौरान करीब एक हजार जरूरतमंदों को वस्त्र, कंबल, ऊनी कपड़े और राशन भेंट किए जाएंगे. इसके अलावा वर पक्ष की अगुवाई दिल्ली के मुरारी लाल अग्रवाल करेंगे, जबकि जानकी महल ट्रस्ट वधू पक्ष की भूमिका निभाएगा.
धर्म और संस्कृति का संगम
राम विवाहोत्सव में देशभर से संत-धर्माचार्य आमंत्रित किए गए हैं. ये महोत्सव न केवल धार्मिक भावना को समृद्ध करेगा बल्कि भारतीय संस्कृति और परंपरा का उत्सव भी है.
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