Aligarh News: अलीगढ़-पलवल हाईवे के चौड़ीकरण को मंजूरी मिल गई है. मार्ग का चौड़ीकरण हो जाने से गाजियाबाद जिले में बन रहे दुहाई इंटरनेशनल एयरपोर्ट को बेहतर कनेक्टिविटी मिलेगी. साथ ही दिल्ली एनसीआर को जोड़ने वाले इस हाईवे का चौड़ीकरण के साथ बाईपास का भी निर्माण किया जाएगा.
आने वाले समय में उत्तर प्रदेश से हरियाणा जाना बहुत आसान और सुगम होने वाला है. अलीगढ़-पलवल हाईवे के नवीनीकरण और चौड़ीकरण की मंजूरी मिल गई है. जिसके बाद इस रोड पर गाड़िया फर्राटा भरेंगी.
इस हाईवे का नवीनीकरण हो जाने के बाद यूपी हरियाणा और दिल्ली के बीच सफर आसान हो जाएगा. यह हाईवे तीन राज्यों को जोड़ता है. जिसका फायदा सीधे दिल्ली एनसीआर को मिलता है.
इस नेशनल हाईवे के चौड़ा होने से उत्तर प्रदेश और हरियाणा के कई जिलों को फायदा मिलेगा. दिल्ली एनसीआर जाने वाले लोगों की राह आसान होगी. विभागीय अधिकारियों के मुताबिक, नया एक्सप्रेसवे टप्पल में यमुना एक्सप्रेसवे और पलवल में ईस्टर्न पेरिफेरल के इंटरचेंज से जुड़ेगा. अलीगढ़ से आगरा, मथुरा, दिल्ली एनसीआर, ग्रेटर नोएडा, पलवल, गुरुग्राम तक जाना आसान होगा.
ग्राउंड फील्ड यानी जो पहले से रोड है उसको चौड़ा किया जाएगा और ग्रीन फील्ड यानी नया रोड बनेगा अलीगढ़ से लेकर पलवल तक. खैर और जट्टारी के लिए बाईपास बनेगा जो लगभग 36 किलोमीटर का होगा.
अलीगढ़-पलवल मार्ग के नवीनीकरण और चौड़ीकरण के लिए प्रशासनिक कार्रवाई चल रही है. अलीगढ़ जिले में 31 गांवों से इस मार्ग को बनाने के लिए भूमि का अधिग्रहण होना है.
इनमें से पिछले दिनों 17 गांवों का अवार्ड घोषित कर दिया गया था. चार और गांव का अवार्ड तैयार हो चुका है. जल्दी ही बाकी बचे गांवों का अवार्ड घोषित कर दिया जाएगा. प्रशासन ने चिह्नित गांवों में शिविर लगाने शुरू कर दिए हैं. अलीगढ़- आगरा नेशनल हाईवे में भी ग्रीन फील्ड और ब्राउनफील्ड है, जिसके लिए 14 गांव चिन्हित किए गए हैं. 7 गांव तहसील अलीगढ़ के और 7 गांव तहसील इगलास के हैं, इनके भी अवार्ड की कार्रवाई की जाएगी.
पहले चरण में 17 गांवों का अवार्ड घोषित कर 550 करोड़ रुपये मुआवजा तय किया था. अब चार गांवों का अवार्ड और तैयार हो गया है. इनमें करीब 50 करोड़ रुपये मुआवजा बंटेगा. इन गांवों मुआवजा बांटने की तैयारी लगभग पूरी है. प्रशासन ने चिह्नित गांवों में शिविर लगाने शुरू कर दिए हैं.
छह साल पहले लोक निर्माण विभाग ने अलीगढ़ से पलवल मार्ग को फोरलेन कराया था. 85 किलोमीटर लंबे मार्ग पर करीब 552 करोड़ रुपये खर्च किए गए थे.
पिछले दिनों केंद्रीय स्तर से मार्ग के नवीनीकरण व चौड़ीकरण का निर्णय लिया गया. इसके निर्माण के लिए ढाई हजार करोड़ रुपये बजट स्वीकृत किया गया है. इसमें से करीब 1500 करोड़ रुपये भूमि अधिग्रहण पर खर्च होंगे.
मार्ग के चौड़ीकरण के लिए जिले के 31 गांवों से भूमि का अधिग्रहण होना है. जिला प्रशासन ने चिह्नित भूमि का अवार्ड घोषित करना शुरू कर दिया है.
अर्राना, उदयगढ़ी, बांकनेर, गनेशपुर, नगला अस्सू, उसरह रसूलपुर, बुलाकीपुर, चौधाना, जरारा, ऐंचना, लक्ष्मणगढ़ी, राजपुर, रेसरी, जलालपुर, हीरपुरा, खेड़िया बुजुर्ग, इतवारपुर, डोरपुरी, श्यौराल, हामिदपुर व रसूलपुर.
कुछ दिन बाद इस मार्ग को लोक निर्माण विभाग ने भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) को हस्तांतरित कर दिया. लेकिन, खैर-जट्टारी बाइपास का निर्माण नहीं हो सका. दोनों कस्बों में जाम लगता है. यहां के लोग बाइपास की मांग कर रहे थे.
लेख में दी गई ये जानकारी सामान्य स्रोतों से इकट्ठा की गई है. इसकी प्रामाणिकता की पुष्टि स्वयं करें. एआई के काल्पनिक चित्रण का जी यूपीयूके हूबहू समान होने का दावा या पुष्टि नहीं करता.