Mandir Found in Aligarh: मुस्लिम आबादी क्षेत्र सराय रहमान में एक मंदिर को कब्जा मुक्त कराया गया है. यह मंदिर कई दशकों से मिट्टी और नीचे दबा हुआ था.पहले संभल, वाराणसी और फिर मुजफ्फरनगर…उत्तर प्रदेश में इस समय मुस्लिम इलाकों में मंदिर मिल रहे हैं. ये सभी मंदिर उन इलाकों के हैं, जहां पहले कभी हिंदू परिवार रहते थे.
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Mandir Found in Aligarh: उत्तर प्रदेश के कई शहरों में बंद पड़े या फिर अवैध तरीके से कब्जा किए हुए मंदिरों क मिलना जारी है. संभल से शुरू हुआ यह सिलसिला अब बरेली, वाराणसी होते हुए अलीगढ़ तक पहुंच गया है. अलीगढ़ में थाना देहलीगेट क्षेत्र के अतिसंवेदनशील मोहल्ला सराय मियां की संकरी गली में 19 दिसंबर को एक प्राचीन शिव मंदिर मिला है. मंदिर में देवी-देवताओं की मूर्तियां टूटी हुईं हैं. मंदिर परिसर में कूड़े का ढेर मिला. गेट पर ताला लगा था, जिसे हिंदू नेताओं ने पुलिस की मौजूदगी में तोड़ा और मंदिर की धुलाई की. इस दौरान जय श्रीराम और हर-हर महादेव के जयकारे लगाए गए.
अलीगढ़ में 50 साल पुराना शिव मंदिर मिलने का दावा
अलीगढ़ के मुस्लिम इलाके सराय रहमान में 50 साल पुराना मंदिर मिलने का दावा किया गया. मंदिर के अंदर देवी-देवताओं की मूर्तियां है पर वो खंडित अवस्था में हैं.मंदिर के ऊपर सिला पट्टीका और मंदिर के अंदर घंटा भी लगा हुआ है. हाल में खुदाई के दौरान यहां मिट्टी के नीचे शिवलिंग दबा हुआ मिला. स्थानीय लोगों का दावा है कि मंदिर के साथ किसी भी तरह की कोई छेड़छाड़ नहीं की गई. मंदिर पर एक बोर्ड लगा मिला, जिस पर करन सिंह द्वारा मंदिर बनवाना लिखा हुआ है.हिंदू वादियों ने मंदिर में की साफ सफाई.
पूर्व मेयर और हिंदूवादी संगठनों ने किया ये दावा
अलीगढ़ के थाना देहली गेट क्षेत्र के सरायमिया में गंदगी के अंबर से पटा मिला. 1978 -90 के दंगों में परेशान जाकर माहौर (कोरी)समाज के लोग मुस्लिम समाज के आतंक से मोहल्ले में अपने घरों को बेचकर चले गए. उसके बाद यहां मुस्लिम समाज के लोगों ने मंदिर में तमाम गंदगी कर दी है. पूर्व मेयर शकुंतला भारती सहित हिंदूवादी संगठन के लोगों ने मुस्लिम समाज के लोगों पर मंदिर की दुर्दशा करने का आरोप लगाया. पूर्व मेयर ने मंदिर की दुर्दशा करने वालों के विरुद्ध रिपोर्ट करवाई करवाने बात की है. दूसरी ओर करणी सेना और हिंदूवादी संगठनों ने आरोप लगाया कि मंदिर पर लंबे समय से मुस्लिम समुदाय का दबदबा है, जिसके कारण स्थानीय हिंदू समुदाय मंदिर तक पहुंचने में असमर्थ था.
मंदिर बंद होने की ये है वजह
स्थानीय मुस्लिम समुदाया के लोगों ने कहा कि मंदिर के आसपास कोई अवैध कब्जा नहीं है. स्थानीय लोगों के मुताबिक सरायमिया में बहुत पहले माहौर (कोरी)समाज के लोग अपने-अपने मकान बेच कर चले गए. पहले तो कुछ लोग मंदिर की साफ सफाई करने और पूजा अर्चना करने आते थे. लेकिन अब काफी वर्षों से माहौर समाज के लोग पूजा अर्चना करने नही आते हैं. गली में रहने वाले मुस्लिम समाज के लोगों ने ही मंदिर की चारदीवारी बनवाई थी. अब यहां माहौर समाज का कोई सफाई करने नहीं आता इसलिए मंदिर की दुर्दशा है.
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