Bulandshahr: भाजपा के सदर विधायक प्रदीप चौधरी ने सीएम योगी को चिट्ठी लिख कर भ्रष्टाचार में लिप्त सिंचाई विभाग के अधिकारीयों के खिलाफ शिकायत की है. तो वहीं सिंचाई विभाग के अफसरों ने सीएम योगी को रिपोर्ट में काली नदी पर कब्जा ना होने का दावा किया है.
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मोहित गोमत / बुलंदशहर : भाजपा के सदर विधायक प्रदीप चौधरी ने सीएम को चिट्ठी लिख कर भ्रष्टाचार में लिप्त सिंचाई विभाग के अधिकारियों के खिलाफ शिकायत की है. सिंचाई विभाग ने काली नदी की जमीन पर अवैध कब्जा नहीं होने की रिपोर्ट सीएम योगी को देकर विधायक की इस शिकायत को गलत बता दिया.
चिट्ठी के बाद मचा हडकंप
दरअसल, ये शिकायत झूठी रिपोर्ट देने वाले अफसरों के खिलाफ कार्रवाई को लेकर भाजपा के विधायक ने चिट्ठी लिखी है. और जबकि सिंचाई विभाग के अफसरों ने रिपोर्ट में लिखा था कि काली नदी की जमीन पर अवैध कब्जा नहीं है. विधायक की इस चिट्ठी के बाद प्रशासन में हड़कंप मच गया है.
क्या था पूरा मामला
उत्तर प्रदेश सरकार में डिप्टी सीएम बृजेश पाठक और योगी सरकार में असीम अरूण ने भ्रष्टचारी अफसरों के खिलाफ सख्त कदम उठाते हुए रिश्वतखोरों को सस्पेंड कर दिया है. यूपी के डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने बलरामपुर के श्रीदत्तागंज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) में GPF के 1 लाख 30 हजार रुपए निकलवाने के नाम पर वरिष्ठ सहायक पर रिश्वत मांगने का आरोप लगने के बाद यह कदम उठाया है.
बलरामपुर में वरिष्ठ सहायक से रिश्वत मांगने के आरोप में डिप्टी सीएम ने आरोपी को सस्पेंड कर दिया है. वरिष्ठ सहायक और एक चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के बीच पैसे के लेन-देन संबंधी बातचीत का वीडियो वायरल हुआ था. यूपी के डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने इस प्रकरण को गंभीरता से लेते हुए पूरे प्रकरण की जांच के साथ स्वास्थ्यकर्मी के निलंबन के निर्देश प्रशासन को दिए हैं.