खतरनाक एनकाउंटर स्पेशलिस्ट प्रदीप शर्मा आज सलाखों के पीछे हैं. बॉम्बे हाईकोर्ट ने प्रदीप शर्मा को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा दी.
प्रदीप शर्मा मुंबई, भारत के पुलिस बल में एक पूर्व अधिकारी हैं. महाराष्ट्र में मुंबई पुलिस में पूर्व एनकाउंटर स्पेशलिस्ट के नाम से मशहूर प्रदीप शर्मा का यूपी के आगरा से भी नाता रहा है.
मूलतः उत्तर प्रदेश में आगरा के निवासी प्रदीप शर्मा महाराष्ट्र पुलिस बल के 1983 बैच के अधिकारी हैं. मुठभेड़ के रूप में शामिल होने के कारण उनकी ख्याति एनकाउंटर स्पेशलिस्ट के रूप में हुई.
प्रदीप शर्मा का जन्म आगरा में ही हुआ था. उनकी दो बेटियां हैं. पिता धुले, महाराष्ट्र के एक डिग्री कॉलेज में प्रोफेसर थे. प्रदीप शर्मा ने वहीं पर एमएससी किया था.परिवार के लोग आगरा के हरीपर्वत स्थित लता कुंज कॉलोनी में रहते थे. प्रदीप अक्सर परिजन से मिलने के लिए यहां आया करते थे.
शर्मा ने लखनऊ मुठभेड़ दस्ते के साथ एक "मुठभेड़ विशेषज्ञ" के रूप में ख्याति हासिल की और 312 अपराधियों की मौत में शामिल थे. 25 साल के करियर में 300 से ज्यादा एनकाउंटर करने वाली टीम में शामिल होने की वजह से वह काफी चर्चा में आ गए थे.
जुलाई 2019 में पुलिस की नौकरी से इस्तीफा दे दिया और शिवसेना जॉइन की. वर्ष 2019 में नौकरी छोड़कर महाराष्ट्र विधानसभा का चुनाव भी लड़ा. मगर हार का सामना करना पड़ा.
अगस्त 2008 को महाराष्ट्र सरकार ने अंडरवर्ल्ड से संबंध रखने के मामले में और संपर्क के कारण प्रदीप शर्मा को बर्खास्त कर दिया था.
ऐसा कहा जाता है कि फिल्मकार राम गोपाल वर्मा द्वारा बनाई गई फिल्म ‘अब तक छप्पन’ उनके चरित्र पर ही आधारित है.
अंडरवर्ल्ड के सबसे बड़े डॉन दाऊद इब्राहिम के भाई इकबाल कास्कर को भी प्रदीप ने ही गिरफ्तार किया था.
मुंबई के विवादास्पद ‘एनकाउंटर स्पेशलिस्ट’ और रिटायर्ड पुलिसकर्मी प्रदीप शर्मा को बंबई हाईकोर्ट ने दोषी ठहराया है. कोर्ट ने उन्हें आजीवन कारावास की सजा भी सुनाई.
दरअसल, रिटायर्ड पुलिसकर्मी प्रदीप शर्मा पर साल 2006 में मुंबई में गैंगस्टर छोटा राजन के कथित करीबी सहयोगी रामनारायण गुप्ता की फर्जी मुठभेड़ करने का आरोप था. हालांकि सत्र न्यायालय ने उन्हें बरी कर दिया था, लेकिन अब हाई कोर्ट ने उन्हें दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है.