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बिना पेट्रोल-डीजल दौड़ेंगी आगरा-दिल्ली हाईवे पर गाड़ियां, 225 किमी लंबी रोड पर ट्रेनों जैसी होगी रफ्तार

Electric highway: देश में बढ़ते प्रदूषण को कम करने के लिए देश की सरकार लगातार प्रयासरत है जिसको देखते हुए सरकार दिल्ली और आगरा के बीच एक इलेक्ट्रिक हाईवे बनाने की योजना पर काम कर रही है. 
 
 
 

 

 

इलेक्ट्रिक हाईवे

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इलेक्ट्रिक हाईवे
भारत में स्वीडन की तरह इलेक्ट्रिक हाईवे बनाने की योजना पर तेजी से काम चल रहा है. इस पहल के तहत, पहला इलेक्ट्रिक हाईवे नई दिल्ली और जयपुर के बीच स्थापित किया जाएगा, जिसकी लंबाई लगभग 225 किलोमीटर होगी.  इस हाईवे पर 55 सीटर बसों को चलवाया जाएगा, जिससे यात्रा की सुविधा में सुधार होगा. पहले जानते हैं ई हाईवे क्या है.

ई-हाईवे क्या है

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ई-हाईवे क्या है
ई-हाईवे एक ऐसा विकल्प है जहां सड़क चलती वाहनों को अधिकतर ओवरहेड बिजली लाइनों के माध्यम से बिजली प्रदान करती है. यह हाईवे एक ऐसी सड़क को कहते हैं जिस पर यात्रा करने वाले वाहनों को पूरे सफर के दौरान बिजली की आपूर्ति की जाती है. 

अन्य देशों में है उदाहरण

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अन्य देशों में है उदाहरण
स्वीडन ने 2018 में दुनिया की पहली विद्युतीकृत सड़क की शुरुआत की है, जो उस पर चलने वाली कारों और ट्रकों की बैटरी को रिचार्ज करती है.

इलेक्ट्रिक हाईवे

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 इलेक्ट्रिक हाईवे
 इलेक्ट्रिक हाईवे पर सभी प्रकार के वाहन नहीं चल सकेंगे. केवल वही वाहन इस हाईवे का उपयोग कर पाएंगे, जिनमें पेंटो सिस्टम स्थापित होगा और जिनके टायरों की स्थिति सही होगी.

क्रैश बैरियर

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 क्रैश बैरियर
दोनों किनारों पर सुरक्षा के लिए क्रैश बैरियर या अन्य प्रकार की दीवारें बनाई जाएंगी. ओवरहेड इलेक्ट्रिक (ओएचई) लाइन को भी बिछाई जाएगी जिससे सभी प्रकार के वाहन चल सकेंगे.  इन वाहनों में पेंटो (pantograph) भी लगाया जाएगा, जो ओवरहेड लाइन से बिजली प्राप्त करेगा.

पेंटो को ऊपर उठाना होगा

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 पेंटो को ऊपर उठाना होगा
जैसे ही वाहन इलेक्ट्रिक हाईवे में प्रवेश करेंगे, उन्हें पेंटो को ऊपर उठाना होगा. ओएचई से संपर्क करते ही बिजली की आपूर्ति सक्रिय हो जाएगी.  इस प्रणाली के तहत, वाहनों की स्पीड 100 से 120 किलोमीटर प्रति घंटा तक आसानी से पहुंच सकती है.

ईंधन की बचत

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 ईंधन की बचत
यह नई तकनीक न केवल ईंधन की बचत करेगी, बल्कि सड़क पर यात्रा करना भी सुगम होगा. इससे पर्यावरण पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा और प्रदूषण में कमी आएगी.  वायु और ध्वनि प्रदूषण में कमी आएगी.

कंट्रोल रूम

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कंट्रोल रूम

इलेक्ट्रिक हाईवे को ट्रेनों की तर्ज पर एक कंट्रोल रूम से चलाया जाएगा.  इस कंट्रोल रूम में हाईवे पर चलने वाले हर वाहन की जानकारी उपलब्ध होगी, जिससे प्रशासन को वाहनों की गति सीमा पर नजर रखने में आसानी होगी. 

ग्राहकों को कई सुविधाएं

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ग्राहकों को कई सुविधाएं
 इस विशेष हाइवे का उपयोग करने वाले ग्राहकों को कई सुविधाएं मिलेंगी. इनमें पेट्रोल पंप की तरह ईवी चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर शामिल है. बैटरी स्वैपिंग मशीनों की व्यवस्था भी की जाएगी, जिससे ग्राहक अपनी बैटरी को जल्दी और सुविधाजनक तरीके से बदल सकेंगे. पेट्रोल और डीजल की बचत होगी. इससे पर्यावरण को कम से कम नुकसान पहुंचेगा. मालभाड़ा की दरें थोड़ी सस्ती होंगी.

डिस्क्लेमर

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डिस्क्लेमर
लेख में दी गई ये जानकारी सामान्य स्रोतों से इकट्ठा की गई है. इसकी प्रामाणिकता की पुष्टि स्वयं करें. एआई के काल्पनिक चित्रण का जी यूपीयूके हूबहू समान होने का दावा या पुष्टि नहीं करता.