हनुमान ने हथियारों से अर्जुन के रथ की

हनुमान ने पांडवों के शत्रु कौरवों के हथियारों से अर्जुन के रथ की रक्षा की, साथ ही उन्होंने अपने मंत्रों और गर्जना से अर्जुन रक्षा की और धर्म की स्थापना करने में सहायता की

अर्जुन के ध्वज हनुमान

हनुमान अर्जुन के समर्थन और सुरक्षा के संकेत के रूप में उनके रथ पर बैठ गए, उन्होंने खुद को अर्जुन के ध्वज पर प्रकट किया था

अर्जुन की परीक्षा हनुमान द्वारा

जिस धनुष को उठाने में अर्जुन अक्षम था उसे हनुमान ने आसानी से उठा लिया था, उसके बाद हनुमान ने अपनी असली पहचान बताई और अर्जुन को एक योद्धा और धर्म का पालन करने वाले एंव उनके कर्तव्य की याद दिलाई उन्होंने अर्जुन को यह भी बताया कि भगवान राम और भगवान कृष्ण एक ही हैं

अर्जुन को हनुमान दर्शन

दूसरे पांडव और सर्वश्रेष्ठ धनुर्धर अर्जुन को हनुमान ने युद्ध से पहले वानर के रूप में दर्शन दिए थे, उन्होंने अर्जुन को उस धनुष पर प्रत्यंचा चढ़ाने में असमर्थ बनाकर उसके गौरव और कौशल को चुनौती दी ताकि अर्जुन के भीरत के अहंकार का नाश कर सकें.

हनुमान ने भीम को सेवा और संयम का महत्व सिखाया

हनुमान ने भीम को भक्ति, सेवा और संयम का महत्व भी सिखाया, उन्होंने भीम को कुरुक्षेत्र के युद्ध के लिए ताकत और साहस का आशीर्वाद दिया था.

भीम की परीक्षा हनुमान द्वारा

पांडवों में से एक भीम से एक निर्वासन के दौरान जंगल में हनुमान से मिलें और हनुमान जी ने अपनी पूँछ से भीम का रास्ता रोककर उसकी शक्ति और विनम्रता की परीक्षा ली थी.

Disclaimer

ये लेख सामान्य जानकारियों पर आधारित है Zee media इसकी पुष्टी नहीं करता हैं

VIEW ALL

Read Next Story