सवाईमाधोपुर में सरकारी आंकड़ों की माने तो जिले में तकरीबन 4 हजार 50 गौवंश लम्पी रोग से ग्रसित है ,जिसमे से 949 गोवंश रिकवर हो चुके है वही अब तक 57 गोवंश की लम्पी की वजह से मौत हो चुकी है, जबकि धरातल पर हालात कुछ और ही बयां कर रहे है जो सरकारी आंकड़ों से बिल्कुल विपरीत है । जिले में गोवंश में लम्पी वायरस का प्रकोप सरकारी आंकड़ों से कहीं अधिक है ,प्रतापगढ़ जिले में जिले में मोत का आकड़ा अभी 41 ही है. लेकिन संक्रमण का आकड़ा 3606 हो चूका है. भरतपुर जिले में एक महीने में 100 से ज्यादा गायों की मौत,जिले के 700 गांवों में 3 हजार से ज्यादा बीमार है. जैसलमेर में लम्पी स्किन बीमारी से 1000 गायों की मौतें,75 पशु केंद्रों पर ताले, हालात .ये है कि वहीं चिकित्सकों व कर्मियों के स्वीकृत 272 पदों में 180 पद रिक्त चल रहे हैं. सीकर जिले के 37 हजार से ज्यादा पशु महामारी की चपेट में आ चुके हैं, 108 पशुओं की मौत हुई