Jodhpur latest News: ओसिया रंगों का पर्व होली अब भारत से लेकर दुनिया के कोने-कोने में मनाए जाने लगा है. वहीं बिश्नोई समाज के लोग होली पर होलिका दहन नहीं करता ना रंग गुलाल का उपयोग करता है. समाज के गुणतीस नियम बने हैं. अधिकांश पर्यावरण संरक्षण से जुड़े हैं. पेड़ों को बचाने के लिए 363 लोगों ने अपनी जान दे दी थी, उनके अनुयायियों का मानना है कि होली दहन में लकड़ियों का इस्तेमाल होता है और ज्वाला के दौरान सैकड़ों कीड़े पतंगे इसमें गिर कर मर जाते हैं. इसलिए समाज के लोग होली दहन के दौरान कहीं ज्वाला भी देखना पसंद नहीं करते हैं. ना ही कोई खुशी मनाते हैं. दूसरे दिन सामूहिक हवन के बाद पाल बनाकर प्रसाद लेते हैं. (वीडियो देखने के लिए 5 सेकेंड रुकें)-