मोहनलाल सुखाडिया विश्वविद्यालय में हंगामा, छात्रों और रजिस्ट्रार के बीच जमकर हुई बहस
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मोहनलाल सुखाडिया विश्वविद्यालय में हंगामा, छात्रों और रजिस्ट्रार के बीच जमकर हुई बहस

Udaipur News: मोहनलाल सुखाडिया विश्वविद्यालय में छात्रों ने रोक के आदेश के विरोध में हंगामा किया. विरोध के बाद विश्वविद्यालय प्रशासन ने अपने आदेश को एक दिन बाद ही वापस ले लिया. इस दौरान प्रदर्शनकारी छात्रों और रजिस्ट्रार के बीच जम कर बहस हुई. 

 

मोहनलाल सुखाडिया विश्वविद्यालय में हंगामा, छात्रों और रजिस्ट्रार के बीच जमकर हुई बहस

Udaipur: उदयपुर के मोहनलाल सुखाडिया विश्वविद्यालय में छात्रों के प्रदर्शन पर रोक लगाने का आदेश के विरोध में छात्रों ने जम कर हंगामा किया. आदेश पर छात्रों के विरोध के बाद विश्वविद्यालय प्रशासन को बैकफुट पर आना पडा और विश्वविद्यालय प्रशासन ने अपने आदेश को एक दिन बाद ही वापस ले लिया.इस दौरान प्रदर्शनकारी छात्रों और रजिस्ट्रार के बीच जम कर बहस हुई. छात्रों और रजिष्ट्रार ने एक दूसरे पर गंभीर आरोप लगाए.

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दरअसल विश्वविद्यालय के प्रशासनिक भवन के बाहर आए दिन होने वाले प्रदर्शन पर रोक लगाने को लेकर विश्वविद्यालय प्रशासन ने कल अनुचित मांगों को लेकर होने वाले छात्रों के प्रदर्शन पर रोक लगा दी थी.जिसके विरोध में आज एनएसयूआई नेता मोहित नायक और छात्रनेता ​अविनाश कुमावत अपने समर्थकों के साथ प्रशासनिक भवन पहुंचे.

जहां उन्होंने जम कर नारेबाजी करते हुए विरोध प्रदर्शन किया और प्रशासनिक भवन के बाहर भूख हडताल पर बैठ गए. इस पर विश्वविद्यालय प्रशासन ने छात्रों के प्रतिनिधि मंडल को वार्ता कर लिए बुलाया. वार्ता के के दौरान छात्र नेता मोहित नायक और अविनाश की रजिष्ट्रार सीआर देवासी के साथ तिखी बहस हो गई.

करीब आधे घंटे तक रजिष्ट्रार कक्ष में हंगामा चलता रहा. वहां मौजुद स्टाफ के अन्य सदस्यों ने समझाइश कर मामले का शांत किया. छात्रों के बढ़ते विरोध के बाद रजिस्ट्रार देवासी ने प्रदर्शन पर रोक के आदेश को वापस ले लिया. प्रदर्शनकारी छात्रों ने रजिष्ट्रार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि रजिष्ट्रार देवासी ने उन्हें वार्ता के दौरान आवेश में आ कर फांसी पर लटक कर मर जाने की बात बोलते हुए अभद्रता ​की.

वहीं रजिष्ट्रार सीआर देवासी ने छात्र नेता मोहित नायक पर एक साल से बेवजह परेशान करने और विश्वविद्यालय के कामकाज में दखल देने का आरोप लगाया. उन्होने का कि इसकी शिकायत उन्होने राज भवन और सीएम से भी की लेकिन काई कार्रवाई नहीं की गई.नायक खुद को पार्टी का बडा नेता बताते हुए उन्हे परेशान करते है.

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