Udaipur: पढ़ाई में कमजोर छात्रा का प्रधाना​ध्यापिका ने रोका प्रवेश पत्र, अंग्रेजी का एग्जाम नहीं दे पाई छात्रा
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Udaipur: पढ़ाई में कमजोर छात्रा का प्रधाना​ध्यापिका ने रोका प्रवेश पत्र, अंग्रेजी का एग्जाम नहीं दे पाई छात्रा

Udaipur:  उदयपुर में पढ़ाई में कमजोर छात्रा का  प्रधाना​ध्यापिका ने प्रवेश पत्र रोक दिया. अंग्रेजी का एग्जाम इस वजह से छात्रा नहीं दे पाई.दादिया स्कूल में पढ़ने वाली मीना गमेती का कहना है कि वह स्कूल की रेगुलर छात्रा हैं

Udaipur: पढ़ाई में कमजोर छात्रा का प्रधाना​ध्यापिका ने रोका प्रवेश पत्र, अंग्रेजी का एग्जाम नहीं दे पाई छात्रा

Udaipur: उदयपुर के दादिया राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय की प्रधाना​ध्यापिका ऊषा वर्मा की घोर लपरवाही सामने आई है. प्रधानाध्यापिका ऊषा वर्मा ने विद्यालय की कक्षा दसवीं में पढ़ने वाली मीना गमेती का प्रवेश पत्र रोक दिया. जिससे उसका भविष्य अंधकार में पड़ गया. मामला जब विधायक प्रताप गमेती और अन्य जन प्रतिनिधियों के पास पहुंचा तो उन्होंने पहले तो प्रधानाध्यापिका को लताड़ लगाई और प्रवेश पत्र दिलवाया. वहीं पूर्व प्रधान पप्पू मीणा भी स्कूल पहुंच कर विरोध दर्ज करवाया.

मामला जनप्रनिधियों के संज्ञान में आने के बाद भले ही मीना को बोर्ड परीक्षा का प्रवश पत्र मिल गया लेकिन वह अग्रेंजी का पर्चा देने से वंचित रह गईं. दादिया स्कूल में पढ़ने वाली मीना गमेती ने बताया कि वह स्कूल की रेगुलर छात्रा हैं. परीक्षा शुरू होने से पहले वह प्रवेश पत्र लेने के ​लिए स्कूल गईं थी लेकिन प्रधानाध्यापिका ने प्रवेश पत्र नहीं दिया और डरा धमका कर उसे घर भेज दिया.

बताया जा रहा है कि लड़की पढ़ाई में कमजोर है. ऐसे में प्रिंसिपल ने अपने स्कूल का रिजल्ट अच्छा रखने के लिए उसका प्रवेश पत्र रोक लिया और एक अंग्रेजी का पेपर देने से वह वंचित हो गई. जिसके बाद उसके पिता ने गांव के छगन लाल प्रजापत को पूरा वाक्य बताया, तो छगनलाल लड़की व उसके पिता को लेकर गोगुंदा विधायक प्रताप लाल गमेती के पास पहुंचे और पूरी बात बताई. जिसे सुनकर विधायक प्रताप गमेती ने प्रधानाध्यापिका से पूरी जानकारी ली और उसे प्रवेश पत्र देने के लिए कहा.

वहीं मामले की जानकारी मिलने पर गोगुंदा के पूर्व प्रधान पप्पू राणा भील लड़की व उसके पिता के साथ स्कूल पहुंचे. जहां अपनी गलती मानने के बजाए प्रधानाध्यापिका ऊषा वर्मा उलटे मीना और उसके पिता को धमकाने लगी. इस पर पूर्व प्रधान ने प्रधानाध्यापिका को टोकते हुए समझाया और आनन-फानन में प्रवेश पत्र दे दिलवाया. वहीं गांव के ग्रामीणों ने उच्च अधिकारियों को मामले से अवगत कराया है. अब देखने वाली बात यह होगी कि उच्चाधीकारी इस मामले को लेकर लापरवाह प्रधाना​ध्यापिका के खिलाफ क्या कार्रवाई करते है.

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