टोंक में विरांगनों पर बोले सचिन पाटलट- उनकी मांग सुनकर संतोषजनक जवाब देने की जरूरत
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टोंक में विरांगनों पर बोले सचिन पाटलट- उनकी मांग सुनकर संतोषजनक जवाब देने की जरूरत

Tonk News: पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने टोंक में कहा कि हमारे वीर सैनिक सरहद पर खडे हैं. बिना किसी दल, राजनीतिक विचारधारा के. किसी पार्टी और किसी नेता के लिए नहीं खड़े हुए हैं. वो हमारी मातृभूमि की रक्षा के लिए खड़े है. हमारी मान, सम्मान के लिए खड़े है वो. सब हमारा गौरव हैं, और हमारी सेना पर इतना फक्र है कि मै बयान नहीं कर सकता हूं.

टोंक में विरांगनों पर बोले सचिन पाटलट- उनकी मांग सुनकर संतोषजनक जवाब देने की जरूरत

Tonk: पूर्व उपमुख्यमंत्री और टोंक विधायक दो दिवसीय विधानसभा दौरे पर रहे है.करीब 20 घंटों के टोंक प्रवास के दौरान पायलट ने बिना नाम लिए कई सियासी तीर छोड़ दिए.फिर चाहे जयपुर में विरांगनाओं और डॉक्टर किरोड़ी लाल मीना के मामले को जयपुर शुरू हुए सियासी संग्राम की बात हो. या फिर अपनी ही सरकार और संगठन की कार्यशैली की बात. एक बहुत पुराने नगमें "कही पर निगाहे कही पर निशाना" की तर्ज पर निशाने साधते नजर आए. 

राजस्थान से लेकर देशभर में इन दिनों शहीदों की विरांगनों को लेकर जयपुर में हुए मामले में सिसायी पारा पूरी तरह से गर्म हो गया. एक ओर जहां राजधानी जयपुर में भाजपा ने आज सड़क पर उतर पर जबरदस्त विरोध प्रदर्शन किया. तो वहीं टोंक जिले के दतवास इलाके में भी बिती देर शाम सड़क पर जाम लगा मीना समाज के लोगों ने बवाल किया. इधर पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने आज दूसरे दिन भी इस पूरे मामले को लेकर बड़े ही सादगी भरे अंदाज में निशाना साधते हुए कहा कि जो हमारे वीर सैनिक हैं, वो सरहद पर खडे हैं. बिना किसी दल, राजनीतिक विचारधारा के. किसी पार्टी और किसी नेता के लिए नहीं खड़े हुए हैं. वो हमारी मातृभूमि की रक्षा के लिए खड़े है. हमारी मान, सम्मान के लिए खड़े है वो. सब हमारा गौरव हैं, और हमारी सेना पर इतना फक्र है कि मै बयान नहीं कर सकता हूं.

उस पर अगर राजनीति होती है तो मैं उसे गलत मानता हूं. जहां तक विरांगनों की बात है, मैने कल भी कहा था उनकी मांगों को सुनकर शांति से, इत्मीनान से उनकों संतोषजनक जवाब देने की जरूरत है. जो काम हम कर सकते थे. उनको करना चाहिए था. जो हम नहीं भी कर सकते थे. उनको सुनकर उनकों समझाने की कोशिश करनी चाहिए थी. लेकिन मैने देखा है कि यह मामला भारत सरकार के रक्षा मंत्रालय से जुड़ा हुआ है. वहां से अभी कोई जवाब या सुलह का रास्ता दिखा नहीं है.

लेकिन इस पर राजनीति होती है तो मै इसकों गलत मानता हूं. क्योंकि राजनीति करने के बहुत सारे मुद्दे हैं. लेकिन अगर विरांगनाओं को लेकर राजनीति होती है तो मैं इसको गलत मानता हूं. इसका एक गलत मैसेज प्रदेश में जाएगा. क्योंकि जो विरांगनाएं हैं. उनके परिवारों से आज भी जो लोग फौज में काम कर रहे है. पैरामिलिट्री फोर्सेज में काम कर रहे है. मैं नहीं चाहता हूं कि उनकों एक प्रतिशत भी इस बात का अहसास हो कि ऐसा कुछ नहीं होना चाहिए था. मैं तो सैनिकों की शहादत के साथ नमन करता हूं. सलाम करता हूं. मैं तो कहा हूं कि आउट ऑफ वे जाकर और करना चाहिए. बात अगर एक नौकरी की है. दो नौकरी की है तो कोई बहूत बड़ा मसला नहीं है. इसमें नियम संशोधन पहले भी हुए है. आगे भी हो सकते है, लेकिन इसमें राजनीतिक करना इसकों में गलत मानता हूं.

वहीं पायलट ने अपने प्रदेशाध्यक्ष के कार्यकाल को याद करते हुए कहा कि उस समय हमने जनता से जो वादे किए थे उनकों पूरा करना चाहिए था. अपने मंच से सम्बोधन के दौरान पायलट ने कहा कि नीली छतरी वाला सब देख रहा है,  दूसरा कटाक्ष करते हुए कहा कि कुछ लोग तोड़ने की राजनीति कर रहे है. ऐसे लोगों को समझना चाहिए कि पास-फेल करने वाली यह जनता ही है.  उधर पायलट ने मंच से सम्बोधन के दौरान भाजपा की केंद्र सरकार पर भी जमकर पलटवार किया. दिल्ली-मुम्बई हाईवे के उद्घाटन और पीएम के राजस्थान के दौरों को लेकर जमकर कटाक्ष किया.

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