कृषि उपनिदेशक राधेश्याम मीणा ने बताया कि आवारा पशुओं एवं नीलगाय से फसलों को होने वाले नुकसान को कम करने के लिये तारन्बदी महत्वपूर्ण एवं उपयोगी सिद्ध होगी,जिसके लिए वर्ष 2022-23 में आवेदनों का पहले आओ- पहले पाओं के आधार पर निस्तारण किया जायेगा.
Trending Photos
Tonk: राजस्थान फसल सुरक्षा मिशन के तहत मुख्यमंत्री कृषक साथी योजना, राज्य योजना एवं राष्ट्रीय खाद्य तेल मिशन योजनांतर्गत नील गाय व आवारा पशुओं से फसलों की सुरक्षा हेतु खेतों में कांटेदार तारबंदी करवाने हेतु टोंक जिले को 1 लाख 83 हजार 200 मीटर रनिंग लम्बाई के भौतिक लक्ष्य प्राप्त हुए है. जिसके लिए 30 मई से ऑन लाइन आवेदन स्वीकार किये जायेंगे.
आवारा पशुओं द्वारा फसलों को होने वाले नुकसान पर मिलेगा अनुदान
कृषि उपनिदेशक राधेश्याम मीणा ने बताया कि आवारा पशुओं एवं नीलगाय से फसलों को होने वाले नुकसान को कम करने के लिये तारन्बदी महत्वपूर्ण एवं उपयोगी सिद्ध होगी,जिसके लिए वर्ष 2022-23 में आवेदनों का पहले आओ- पहले पाओं के आधार पर निस्तारण किया जायेगा, किन्तु यदि लक्ष्य से डेढ़ गुना ज्यादा आवेदन प्राप्त होते है तो लॉटरी की प्रक्रिया अपनाई जायेगी. तारबन्दी योजना का लाभ सभी श्रेणी के कृषकों को दिया जायेगा,व्यक्तिगत आवेदन में न्यूनतम 1.5 हैक्टर भूमि एक ही स्थान पर होना आवश्यक है. एक कृषक समूह में न्यूनतम 2 कृषक व न्यूनतम 1.5 हैक्टर जमीन आवश्यक है.
आवेदनों का पहले आओ- पहले पाओं के आधार पर निस्तारण
तारबन्दी हेतु व्यक्तिगत किसान को न्यूनतम क्षेत्रफल 1.5 हैक्टर कृषि भूमि पर अधिकतम 400 रनिंग मीटर तक लागत का 50 प्रतिशत अथवा अधिकतम 40 हजार एवं लघु व सीमान्त श्रेणी के किसानों को अधिकतम 400 रनिंग मीटर तक लागत का 60 प्रतिशत अधिकतम 48 हजार रूपये तक का अनुदान दिया जायेगा.
ऑनलाइन हेतु नजदीकी ई मित्र केंद्र या राजकिसान पोर्टल पर - कृषि अधिकारी
कृषि अधिकारी कजोड मल गुर्जर ने बताया कि कांटेदार तारबंदी या चैनलिंक हेतु ऑनलाइन हेतु नजदीकी ई मित्र केंद्र या राजकिसान पोर्टल पर जनाधार कार्ड, नवीनतम जमाबंदी जो 6 माह से अधिक पुरानी नही हो, नक्शा ट्रेस, लघु या सीमांत प्रमाणपत्र की जनआधार कार्ड में एन्ट्री अथवा राजस्व विभाग द्वारा जारी लघु-सीमान्त प्रमाण पत्र, आधार कार्ड, बैंक पासबुक, एक रंगीन फोटो सहित आवश्यक दस्तावेज साथ राजकिसानसाथी पोर्टल पर दिनांक 30 मई 2022 से ऑनलाइन आवेदन कर सकते है.
राजस्थान फसल सुरक्षा मिशन में मिलेगा अनुदान
इस तरह जारी होगी कांटेदार तारबंदी एवं चैनलिंक हेतु प्रशासनिक स्वीकृति- जिले को आवंटित भौतिक लक्ष्य अनुसार राज किसान साथी पोर्टल पर प्राप्त ऑनलाइन आवेदनों की वरीयतानुसार पहले आओ पहले पाओ के आधार पर पत्रावलियों की कार्यालय स्तर से स्क्रूटनिंग की जायेगी. उसके सम्बंधित सहायक कृषि अधिकारी या कृषि पर्यवेक्षक द्वारा मौके पर कार्य का जाकर प्री वेरिफिकेशन किया जाएगा.
ये भी पढ़ें- Tonk: कांग्रेस जिलाध्यक्ष और ब्लाक अध्यक्षों के कांग्रेस में शुरू हुआ घमाशान
अनुदान राशि सम्बंधित कृषकों को सीधे ही बैंक खाते में
पत्रावली पात्र होने पर प्रशासनिक स्वीकृति जारी की जायेगी,उसके बाद ही किसान को तारबंदी कार्य कृषि विभाग द्वारा जारी दिशा निर्देशानुसार सम्बंधित कृषि पर्यवेक्षक या सहायक कृषि अधिकारी से पूर्ण जानकारी लेकर तारबंदी कार्य पूर्ण करवाने पर ही अनुदान देय होगा. अनुदान राशि सम्बंधित कृषकों को सीधे ही बैंक खाते में डी बी टी के माध्यम से हस्तांतरित की जायेगी. तारबन्दी कार्य फसलों की आवारा पशुओं से सुरक्षा की योजना होने के कारण किसी भी ट्रस्ट,सोसाइटी,स्कूल, कॉलेज,मन्दिर,धार्मिक संस्थान आदि को इस योजनान्र्तगत लाभान्वित नहीं किया जायेगा.