श्रीगंगानगर न्यूज: रायसिंहनगर में रहने वाले एक कलाकार को कला को कद्रदान नहीं मिल रहा है. पवन लकड़ी पर हुबहू तस्वीरें उकेरने की कला रखता है. फिलहाल उचित मंच नहीं मिलने से पवन परेशान है.
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Raisinghnagar, Sriganganagar: रायसिंहनगर ग्रामीण क्षेत्र में प्रतिभाओं की कोई कमी नहीं है. ये बात छोटे से गांव 71 एनपी में रहने वाला पवन विभिन्न मूर्तियां व मनुष्य की हुबह तस्वीर लकड़ी पर उकेर कर साबित कर रहा है. लेकिन ऐसी बहुमूल्य कला को कदरदान नहीं मिल रहे है. जिसके चलते मजबूरियों में प्रतिभाएं दफन हो रही है.
पवन का कहना है कि मजदूरी करने की वजह से मजबूरन उसे पढ़ाई छोड़नी पड़ी.युवक की प्रतिभा मूर्तियां कुरेदने का शौक सरकारी कार्यालयों की शोभा भी बढ़ा रही है. सरकारी कार्यालयों में अशोक स्तंभ, महापुरुषों की प्रतिमाएं वह निःशुल्क भेंट कर रहा है ताकि कोई उसकी प्रतिभा को पहचाने.
हस्तशिल्प कला पहचान खोती आ रही नजर
इससे उसे उचित मंच मिल सके और अपने हुनर का लोहा मनवा सके. पवन का कहना है कि हस्तशिल्प के कार्य को आगे बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है लेकिन कलाकारों के कद्रदान कम व उचित प्लेटफॉर्म नहीं मिलने से हस्तशिल्प कला अपनी पहचान खोती जा रही है. हस्तिशल्प के क्षेत्र में कार्य करने वाली संस्थाएं ऐसे युवकों को उचित मंच प्रदान करने में मदद करें तो ऐसी प्रतिभाएं अपने हुनर का देश विदेश तक लोहा मनवा सकती है.
उचित मंच नहीं मिलने से परेशान
उचित मंच नहीं मिलने से अपनी प्रतिभा प्रदर्शित नहीं कर पाने का मलाल आज भी हैं. घर में ही बनाई आर्ट गैलरी युवक ने अपने घर में ही लकड़ी से कुरेदकर कई प्रकार की तस्वीरों का संकलन कर एक आकर्षक गैलरी का स्वरूप दिया है. जिसमें खिलौने, अशोक स्तंभ, महापुरुषों की तस्वीरें कई आदि शामिल है.पवन को खोज है कि कोई उसकी प्रतिभा को पहचाने.
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