Rajasthan Chunav Voting 2023: राजस्थान का अनोखा गांव, जहां जान जोखिम में डाल 4921 फीट की ऊंचाई पर पहुंचे मतदानकर्मी, गांव में पहली बार डाल रहे वोट
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Rajasthan Chunav Voting 2023: राजस्थान का अनोखा गांव, जहां जान जोखिम में डाल 4921 फीट की ऊंचाई पर पहुंचे मतदानकर्मी, गांव में पहली बार डाल रहे वोट

Rajasthan Chunav Live​ : राजस्थान के सिरोही जिले में स्थित माउंट आबू के सबसे ऊंचे गांव शेरगांव में चुनाव को संपन्न कराने के लिए मतदान दल कर्मी पहुंचे. सिरोही के आबू-पिंडवाड़ा विधानसभा क्षेत्र में 4921 फीट की ऊंचाई पर 117 मतदाता मतदान कर रहे.

Rajasthan Chunav Voting 2023: राजस्थान का अनोखा गांव, जहां जान जोखिम में डाल 4921 फीट की ऊंचाई पर पहुंचे मतदानकर्मी, गांव में पहली बार डाल रहे वोट

Rajasthan vidhan sabha Election 2023 : राजस्थान के सिरोही जिले में स्थित माउंट आबू के सबसे ऊंचे गांव शेरगांव में चुनाव को संपन्न कराने के लिए पहुंचे. मतदान कर्मी आज 25 नवंबर यानी आज सिरोही के आबू-पिंडवाड़ा विधानसभा क्षेत्र में 4921 फीट की ऊंचाई पर स्थित शेरगांव में दुर्गम रास्ते को पार कर मतदान करा रहे है. इस गांव में मतदाता इस साल पहली बार अपने ही गांव में मतदान करेंगे.

4921 फीट की ऊंचाई पर पर 117 मतदाता मतदान करेंगे

मतदान दल कर्मी फॉरेस्ट गार्ड की मदद से घने जंगल में पैंथर, भालू और अन्य जंगली जानवरों के बीच से गुजर कर  करीब 18 किलोमीटर तक पगडंडियों पर पैदल चल कर इस मतदान केंद्र तक पहुंचे. मतदान दल के इस जज्बे को यहां के लोग सलाम कर रहे है. यहां के लोग आज सुबह से मतदान कर रहे है. 

18 किलोमीटर पगडंडियों को पैदल पार कर पहुंचे मतदानकर्मी 

जानकारी के लिए बता दें कि राजस्थान के सिरोही जिले में स्थित राजस्थान के एक मात्र हिल स्टेशन माउंट आबू के सबसे ऊंचे गांव शेरगांव और उतरज गांव है जहां बेहद कठिन रास्तों से होकर गुजरना पड़ता है. यहां के लोग पहले मतदान के लिए 12 किलोमीटर चल आना पड़ता था फिर वोटिंग कर वापस गांव जाते थे.

पहली बार अपने ही गांव में करेंगे मतदान 

यहां के मतदाता इस साल पहली बार अपने गांव में ही मतदान करेंगे. ये सब मुमकिन हुआ मतदान दल कर्मी फॉरेस्ट गार्ड की मदद से. शेरगांव तक पहुंचना कोई आसान काम नहीं था. इसका अंदाजा इस बात से लगा सकते हैं कि यहां तक पहुंचने के लिए दिन में भी रोशनी की जरूरत होती है.

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वहीं, रात के अंधेरे में इस गांव में पहुंचने के बारे में सोचना भी नामुमकिन है. पैंथर, भालू और अन्य जंगली जानवरों के डर से यहां के लोग हमेशा ग्रुप और टोली के साथ ही निकलते है. जंगलो से होकर गुजरते वक्त सहमे व डरे रहते हैं. सिरोही जिले के कलेक्टर डॉ भवरलाल चौधरी भी यहां के हालात से वाकिफ है उन्हेंने बताया कि शेरगांव में पहुंचने के लिए 18 किलोमीटर का पैदल लंबा सफर गुरु शिखर से तय करना पड़ता है.

चट्टानों पर रेंगते हुए किया पार

इस रास्ते में न तो कोई सड़क है और न ही जाने के लिए कोई अन्य साधन. ऐसे में चट्टानों पर रेंगते हुए पहाड़ों और नदी नालों को पार कर लोग इस गांव तक पहुंचते है. अब आप ही अंदाजा लगाये कि किस हालात से गुजरते हुए मतदानकर्मी यहां तक पहुंचे होंगे.

अब निर्वाचन विभाग ने राजस्थान के इस शेरगांव और उतरज गांव के मतदाताओं की समस्याओं को ध्यान में रखते हुए उनके गांव में ही पोलिंग बूथ की व्यवस्था की है. जहां इस मतदान केंद्र पर 117 मतदाता लोकतंत्र के इस महान पर्व करेंगे.

 

 

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