करोड़ों रुपए की लागत से बना स्टेडियम फांक रहा धूल,असामाजिक तत्वों का अड्डा बना स्टेडियम
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करोड़ों रुपए की लागत से बना स्टेडियम फांक रहा धूल,असामाजिक तत्वों का अड्डा बना स्टेडियम

खिलाड़ियों की प्रतिभा को तलाशने के लिए कस्बे में एक करोड़ की लागत से बना स्टेडियम वर्तमान में देख रेख के अभाव में बदहाली का शिकार हो गया. 

करोड़ों रुपए की लागत से बना स्टेडियम फांक रहा धूल,असामाजिक तत्वों का अड्डा बना स्टेडियम

Sri Madhopur: राज्य सरकार एक और खेलों को बढ़ावा देने को लेकर प्रतिभाओं को तलाश कर उन्हें आगे लाने का कार्य कर रही है. तो वहीं खिलाड़ियों के लिए सरकार द्वारा करोड़ों रुपए खर्च कर स्टेडियम भी बनवाए जा रहे हैं लेकिन सीकर के श्रीमाधोपुर में सरकार के एक करोड़ रुपए आज पानी में बह रहे हैं. मामला यह है कि 2008_2013 के कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में वर्तमान विधायक तथा पूर्व विधानसभा अध्यक्ष दिपेंद्र सिंह शेखावत ने एक करोड़ रुपए की लागत से श्रीमाधोपुर में स्टेडियम का निर्माण करवाया गया था लेकिन वह आज अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है.

खिलाड़ियों की प्रतिभा को तलाशने के लिए कस्बे में एक करोड़ की लागत से बना स्टेडियम वर्तमान में देख रेख के अभाव में बदहाली का शिकार हो गया. स्टेडियम में खेल संबंधी मूलभूत सुविधाओं का अभाव हैं. जिसके चलते 14 मार्च 2016 को तात्कालिक विधायक झाबरसिंह खर्रा ने भी विधानसभा में प्रश्र उठाया था. जिसमें विधायक खर्रा ने अतारांकित प्रश्र में श्रीमाधोपुर में निर्मित खेल स्टेडियम में मूलभूत सुविधाओं का अभाव होने के कारण खिलाड़ियों को स्टेडियम का लाभ नहीं मिल पाने संबंधी प्रश्र पूछा.  

वर्तमान में स्टेडियम के हालात यह हैं कि वहां पर किसी भी प्रकार की खेल सुविधायें उपलब्ध नहीं हैं. स्टेडियम में चारों ओर चार दीवारी नहीं होने से यहां कचरे के लगे ढेर से गंदगी रहती हैं व आवारा पशु घूमते रहते हैं. इस स्टेडियम में खेल विभाग का कोई स्टाफ नहीं होने से ऑफिस के मुख्य गेट पर ताला लगा हुआ है व ऑफिस के लिए बने कमरों की जालियां टूटी पड़ी हैं व अंदर धूल जमी हुई है.

लॉन टेनिस के लिए बने कोर्ट की जाली टूटी हुई है. वहीं बास्केट बॉल के लिए बने ग्राउण्ड पर लगे पोल रींग व बोर्ड टूटे पड़े हैंय यह स्टेडियम केवल दशहरे मेले,तीज व गणगौर के मेले के अलावा कोई काम नहीं आता हैं तथा विद्युत व्यवस्था नहीं होने से स्टेडियम आवारा व शराबियों का अड्डा बना हुआ है. वहीं आस पास रहने वाले लोग कचरा डालते हैं व खुले में शौच जाते हैं.

युवा एवं खेल मामलात विभाग ने पांच करोड़ रूपये की लागत से बने स्टेडियम में 2 सौ मीटर एथेलेटिक ट्रेक,आफिस ब्लॉक के दोनों ओर बैठने की सीढ़ियां,ऑफिस ब्लॉक मय टायलेट एवं चेंजरूम, बाउण्ड्री के गेट पर लोहे का दरवाजा,बैठने की सिढ़ियां,एक बॉस्केटबाल व एक टेनिस कोर्ट बनाये जा चुके हैं. स्टेडियम में सुविधाओं के अभाव के कारण यहां के खिलाड़ियों को तैयारियों के लिए जयपुर या सीकर जाना पड़ता है. जहां बाहर के खिलाड़ियों को पूरा लाभ नहीं मिल पाता व आर्थिक नुकसान भी उठाना पड़ रहा है.

यदि स्टेडियम के हालात वर्तमान में सही होते तो खिलाड़ियों को अपनी तैयारी के लिए बाहर की और पलायन नहीं करना पड़ता वहीं खिलाड़ी अपने स्तर पर कोच के माध्यम से पै्रटिक्स कर सकते थे लेकिन सुविधाओं के अभाव में युवा खिलाड़ियों का सपना अधुरा ही पड़ा है.

वर्तमान में राज्य सरकार द्वारा खेल सुविधाओं में बढ़ोतरी के लिए बजट भी अलग से बनाया है. जिसको लेकर शिक्षा विभाग के मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी मालीराम रैगर, प्रधानाचार्य राजेश कुमार अंकुर ने भी कुछ दिन पहले ही स्टेडियम का निरीक्षण किया था. प्रधानाचार्य राजेश कुमार अंकुर ने बताया कि स्टेडियम की जो जमीन है वह विद्यालय के नाम है तथा इसे वर्तमान में क्रीड़ा परिषद सीकर को अधीन कर दिया गया है. जिसकी देखरेख का कार्य उनका ही है.

स्टेडियम के हालात यदि सुधरते हैं तो खिलाड़ियों को पूर्ण सुविधाओं के साथ उन्हें आर्थिक नुकसान भी नहीं होगा और ग्रामीण आंचल के साथ-साथ शहर की प्रतिभाएं आगे निकलकर राज्य तथा राष्ट्रीय स्तर पर हर क्षेत्र में नाम रोशन करने के साथ-साथ पदक लाने में पीछे नहीं हटेंगी.

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