Sikar news: राजस्थान के सीकर में शिव मंदिरों में भक्तों की लाइनें लगी हैं, सोमवार को सावन के पहले सोमवार को भगवान शिव का दूध, दही से अभिषेक किया जा रहा है. आखिर क्यों भगवान शिव का इससे अभिषेक किया जाता है.
Sikar news: राजस्थान के सीकर जिले में सावन के पहले सोमवार को शिवालयों में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी.सावन के पहले सोमवार को शिव मंदिरों में सुबह से ही पूजा-पाठ व अभिषेक के कार्यक्रम शुरू हुए.सुबह-सुबह शिव मंदिरों में बाबा भोलेनाथ के जयकारे के साथ बोल बम तड़क बम के जयघोष भी गूंजने लगे. श्रद्धालुओं ने बाबा भोलेनाथ का अभिषेक कर परिवार की खुशहाली की कामना की.
आपको बता दें कि समुद्र मंथन में विष धारण करने के बाद भगवान शिव का कंठ पूरा नीला हो गया था,शरीर में काफी गर्मी बढ़ गई थी. भगवान शिव का शरीर ठंठा रहे इसलिए उनका दूध, दही,से अभिषेक किया जाता है. कैलाश में रहने की भी ये एक बड़ी वजह है.
महिला श्रद्धालु कमला ने बताया कि ने बताया कि आज सावन का पहला सोमवार है,ऐसे में वह मंदिर में भगवान शिव का जलाभिषेक करने के लिए आई है. भगवान शिव काफी भोले होते हैं.
ऐसे में सावन के महीने में लगातार एक महीने तक उनकी पूजा करके उन्हें रिझाया जाता है.इस दौरान भगवान शिव का दूध और पानी और बिल पत्र सफेद फूल से अभिषेक किया जाता है.साथ ही प्रसाद के रूप में फल चढ़ाए जाते हैं.अधिक मास होने के कारण 2 श्रावणमास है.
श्रद्धालु प्रिया ने बताया कि यह सावन का पहला सोमवार है इस बार 2 श्रावण मास है नवविवाहिता युवतियों का यह पहला श्रावणमास है इसमें नव विवाहिता और महिलाएं भगवान शिव को अभिषेक क्रति है, भगवान शिव भोले होते हैं, इसलिए भक्तों की मनोकामना जल्दी सुनते हैं भगवान शिव के बेलपत्र दूध आदि से अभिषेक किया जाता है.
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