सीकर के खाटूश्याम मंदिर में एकादशी पर हुई भगदड़ में तीन महिला भक्तों की मौत का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. अब इस मामले ने सियासी रंग लेना शुरू कर दिया है.
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Sikar: सीकर के खाटूश्याम मंदिर में एकादशी पर हुई भगदड़ में तीन महिला भक्तों की मौत का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. अब इस मामले ने सियासी रंग लेना शुरू कर दिया है. इस मामले में कांग्रेस सरकार के मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास के बयान पर दांतारामगढ़ वीरेंद्र सिंह ने भी पलटवार करते हुए नाराजगी जताई है.
कल मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने घटना को लेकर बयान दिया था, जिसमें वह मंदिर कमेटी का पक्ष लेते नजर आ रहे थे. इसी बयान पर विधायक वीरेंद्र सिंह ने पलटवार करते हुए कहा है कि यह बयान देने से पहले प्रताप सिंह कम से कम मुझसे मामला तो पूछ लेते. विधायक वीरेंद्र सिंह ने मामले की शिकायत सीएम को करने की बात भी कही है.
दांतारामगढ़ विधायक वीरेंद्र सिंह ने कहा कि सोशल मीडिया पर कल से करणी सेना के सुखदेव सिंह गोगामेड़ी द्वारा कोई मैसेज चलाया जा रहा है, ऐसे में मैं सीकर के लोगों से अपील करता हूं कि उनकी बातों में नहीं आए. सरकार मामले की जांच कर रही है, उसमें सहयोग करें.
वीरेंद्र ने कहा कि शेखावाटी हर आंदोलन में आगे रहा है, ऐसे में कोई धमकी भरे लहजे में बात करके माहौल नहीं बिगाड़े. वीरेंद्र ने कहा कि अगर वह जोर आजमाइश के मूड में है तो वह विरोध कर सकते हैं लेकिन मंदिर और धर्म के नाम पर यह चीज करने की आवश्यकता नहीं है. वीरेंद्र ने कहा कि वैसे ही देश में लोगों को धर्म के आधार पर बांटने का काम किया जा रहा है लेकिन कांग्रेस पार्टी सभी को एकजुट रखने में लगी हुई है.
विधायक वीरेंद्र सिंह ने कहा कि प्रताप सिंह खाचरियावास मेरे विधानसभा क्षेत्र के ही रहने वाले हैं. 1998 में प्रताप सिंह खाचरियावास पहली बार चुनाव लड़े, जिसमें वह तीसरे नंबर पर रहे. इसके बाद तत्कालीन पीसीसी चीफ नारायण सिंह ने 2004 में जयपुर जैसे बड़े एरिया में प्रताप सिंह खाचरियावास को टिकट दिया. वीरेंद्र ने कहा कि प्रताप सिंह खाचरियावास मेरे बड़े भाई की तरह हैं, उन्हें बयान देने से पहले मुझसे इस बात के बारे में पूछना चाहिए था. वीरेंद्र सिंह ने कहा कि तीनों महिलाओं की मौत पर प्रताप सिंह संवेदना व्यक्त करते.
वीरेंद्र सिंह ने कहा कि प्रताप सिंह खाचरियावास और राजेंद्र गुढ़ा 7 करोड़ लोगों के मंत्री हैं, जिनके कहे शब्द कानून होते हैं. वीरेंद्र सिंह ने कहा कि कोई बात होती तो प्रताप सिंह को मुझसे करनी चाहिए थी, जब सरकार ने अधिकारियों को सस्पेंड किया और मामले की जांच चल रही है, जिसका अधिकारी ही क्लीन चिट देगा लेकिन उससे पहले ही प्रताप सिंह खाचरियावास ने क्लीन चिट दे दी.
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वीरेंद्र ने कहा कि सरकार ने मामले में चार अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया तो हमने कुछ भी नहीं कहा क्योंकि यह परंपरा हो गई है कि जब भी कोई घटना होती है तो वहां अधिकारी को सस्पेंड कर दिया जाता है. प्रताप सिंह खाचरियावास को इस मामले में मंदिर कमेटी का पक्ष लेने की बजाए जनता का साथ देना चाहिए. अगर सरकार का मंत्री कमेटी को क्लीन चिट देता है तो जनता का भरोसा टूटेगा ही.
विधायक वीरेंद्र सिंह ने कहा कि मेले के दौरान प्रशासन और सरकार व्यवस्था बनाए रखने के लिए करोड़ों रुपये खर्च करती है लेकिन मंदिर कमेटी 100 से 200 मीटर के एरिया में अपने ही गार्ड लगाती है, जब उन्हें वहां पुलिस लगाने की बात की जाती है तो वह उसके बदले भुगतान न करने की बात करते हैं और कहते हैं कि हमारे पास हमारी व्यवस्था है.
वीरेंद्र ने कहा कि खाटू श्याम मंदिर कमेटी मे जो बाउंसर से लगाए हुए हैं उनका लोकल थाने पर वेरिफिकेशन होना चाहिए. वीरेंद्र ने कहा कि भक्तों के लिए सुविधा नहीं होने के लिए मंदिर कमेटी को जिम्मवार ठहराया. कमेटी ने वहां कोई व्यवस्था नहीं की है. वीरेंद्र सिंह ने कहा कि 2 दिन पहले खाटू श्याम में वीआईपी रास्तों और गेट को बंद किया गया.
यह रास्ते ऐसे थे जो रसोइयों और मकानों में बने थे, जो मंदिर में निकलते हैं. वीआईपी दर्शनों के चलते गरीब 8 घंटे तक लाइन में लगा रहता और पैसे वाले लोग पैसे देकर उनके सामने से महज कुछ मिनटों में ही दर्शन करके वापस लौट जाते. विधायक वीरेंद्र सिंह ने कहा कि वह इस मामले की शिकायत मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को भी करेंगे.
Reporter: Ashok Singh Shekhawat
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