असम राइफल के जवान प्रकाश चंद मीणा का अंतिम संस्कार, 6 साल के बेटे ने दी मुखाग्नि
Advertisement

असम राइफल के जवान प्रकाश चंद मीणा का अंतिम संस्कार, 6 साल के बेटे ने दी मुखाग्नि

  जिले के नीमकाथाना के निकटवर्ती ग्राम पंचायत राजपुरा में असम राइफल के जवान प्रकाश चंद मीणा की लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया.

असम राइफल के जवान प्रकाश चंद मीणा का अंतिम संस्कार, 6 साल के बेटे ने दी मुखाग्नि

सीकर:  जिले के नीमकाथाना के निकटवर्ती ग्राम पंचायत राजपुरा में असम राइफल के जवान प्रकाश चंद मीणा की लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया. जवान प्रकाश मीणा का 24 ग्रेनेडियर द्वारा शहीद सैनिक की राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया. 

प्रकाश चंद मीणा का पार्थिव देह देर रात पाटन थाने में आया, जिसको बाद भारत माता की जय, प्रकाश चंद मीणा अमर रहे के  नारों के साथ युवा हाथों में तिरंगा लेकर उनके पैतृक गांव राजपुरा पहुंचे, जहां सैकड़ों की संख्या में लोग नम आंखों से उनके अंतिम दर्शन कर नमन किया

यह भी पढ़ें: Chanakya Niti : ऐसी स्त्री की आंखों का तारा नहीं कांटा होता है उसका पति, जानें क्या कहती है चाणक्य नीति

 असम राइफल 24 ग्रेनेडियर के जवानों ने शहीद को गार्ड ऑफ ऑनर देकर शहीद का सम्मान किया. इस दौरान पूर्व विधायक फूलचंद गुर्जर, भाजपा नेता प्रमोद सिंह बाजोर, तहसीलदार नीमकाथाना दिनेश शर्मा, कांग्रेस नेता करण सिंह तंवर बोपिया, पूर्व प्रधान कांता प्रसाद शर्मा, पंचायत समिति प्रधान सुवालाल सैनी. सामाजिक कार्यकर्ता कैलाश मीणा भराला, जिला परिषद सदस्य सुमित गुर्जर, जिला परिषद उम्मीदवार दिनेश यादव,शहीद विरांगना कविता सामोता, रामरतन यादव, सरपंच मुकेश मीणा सहित दर्जनों लोगों ने शहीद के शव पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी. शहीद के सम्मान में छात्रों ने अपने हाथों में तिरंगा लेकर शव यात्रा के दौरान खड़े रहकर शहीद का सम्मान किया.

राजकीय सम्मान के साथ अंत्येष्टि

शहीद को जिस तिरंगे में लाया गया था उस तिरंगे को शहीद के 6 वर्षीय पुत्र आदित्य मीणा को सह सम्मान सुपुर्द कर तिरंगे का सम्मान किया. शहीद प्रकाश चंद्र की पत्नी संगीता का रो-रो कर बुरा हाल हो रहा है, वहीं शहीद की मां पतासी देवी अपने बेटे को बूढ़ी आंखों से निहार रही है.

शहीद के दो बेटी जिसमें बड़ी बेटी अनिष्का 10 वर्ष की, छोटी बेटी रुचिता 8 वर्ष की, तथा बेटा आदित्य 6 वर्ष का है. 6 वर्षीय बेटे ने अपने शहीद पिता को मुखाग्नि दी जिसको यह भी नहीं पता है कि अब उसका पिता इस दुनिया में नहीं रहा है. शहीद से बड़े तीन भाई हैं जिसमें बड़ा भाई जय सिंह , कृष्ण, लालचंद व चौथे नंबर पर प्रकाश चंद है. प्रकाश से बड़ा भाई लालचंद बीएसएफ का जवान है जो देश की सीमा पर अपनी सेवाएं दे रहा है.

Trending news