सीएमएचओ डॉ प्रकाश चन्द्र शर्मा ने स्वास्थ्य भवन में आयोजित जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक ली.
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Rajsamand: सीएमएचओ डॉ प्रकाश चन्द्र शर्मा ने स्वास्थ्य भवन में आयोजित जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक ली. इस दौरान उन्होंने मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत आमजन को अधिक से अधिक लाभान्वित करने और इसके लिये प्रत्येक चिकित्सा अधिकारी को मरीज से चिरंजीवी योजना में पंजीयन के बारे में जानकारी लेने के साथ आमजन को पंजीयन के लिये भी प्रेरीत करने के निर्देश दिए.
साथ ही जो मरीज योजना में रजिस्टर्ड है उनका योजना के अन्तर्गत समुचित उपचार करने के भी निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा आयुष्मान चिरंजीवी कार्ड बनायें जा रहे हैं इसके लिये आशा एवं आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के माध्यम से आर्थिक एवं सामाजिक जनगणना 2011 के पात्र परिवारों की ई केवाईसी करवाई जानी है. जिसके लिये प्रत्येक सदस्य के ई केवाईसी करवाने पर आशा एवं आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को 5 रूपयें की राशि दी जायेगी. उन्होंने बताया कि इसको गंभीरता के साथ शीघ्र ही पूरा किया जाना है. कौताही बरतने पर तुंरत कार्रवाई की जायेगी.
बैठक में जिला प्रजनन एवं शिशु स्वास्थ्य अधिकारी डॉ सुरेश मीणा ने कहा कि कोविड वैक्सीनेशन के तहत अब जो भी स्टॉक चिकित्सा संस्थानों पर उपलब्ध है उनको विशेष प्रयास कर लोगों को प्रेरीत कर वैक्सीनेशन करना है. स्टॉक की वस्तुस्थिती से अवगत करावें जिससे अन्तर जिला वैक्सीन को शिफ्ट कर शत प्रतिशत उपयोग किया जा सके. उन्होंने संस्थागत प्रसव को लेकर सभी चिकित्सा अधिकारी प्रभारियों को निर्देशित किया कि प्रति सीएचसी प्रतिमाह 30 संस्थागत प्रसव एवं प्रति पीएचसी प्रति माह 10 संस्थागत प्रसव होने चाहिए.
जिससे अन्य चिकित्सा संस्थानों पर प्रसव का अधिक भार ना आये तथा सभी स्थानों पर प्रसुता महिला को गुणवत्तापूर्ण प्रसव सुविधाएं दी जा सके. उन्होंने लक्ष्य संस्थान के लिये चयनित चिकित्सा संस्थानों को तैयारी करने एवं जिले में लक्ष्य प्रमाणित चिकित्सा संस्थानों के प्रभारी अधिकारियों से संवाद करने के लिये निर्देशित किया. जिससे लक्ष्य प्रमाणन में सुविधा हो सके.
बैठक में जिला चिकित्सालय नाथद्वारा के प्रमुख चिकित्सा अधिकारी कैलाश भारद्वाज ने बच्चो में डिप्थीरिया की जांच को लेकर विस्तार से जानकारी दी तथा बताया कि डिप्थीरिया एक गंभीर बैक्टीरीयल संक्रमण होता है जो गले और नाक की श्लेष्मा झिल्ली को प्रभावित करता है. डिप्थीरिया के कारण बुखार, गला खराब और कमजोरी जैसी समस्यायें होती है. गहरे ग्रे रंग के पदार्थ की एक मोटी परत गले के अंदर जमना इसके पहचान का मुख्य लक्षण होता है.
बैठक में जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ हेमंत बिन्दल ने सभी चिकित्सा अधिकारी निक्षय मित्र योजना के तहत जुड़ने के लिये कहा तथा निर्देशित किया की कम से कम एक चिकित्सा अधिकारी एक टी.बी मरीज को पोषण के लिये गोद लेवे यह एक मानवीय कार्य है. उन्होंने बताया की टी.बी मरीज के परिवार वालो एवं बच्चो को अवश्य टी.बी प्रिवेन्टीव थेरेपी दिया जाना सुनिश्चित करें. उन्होंने बड़े चिकित्सा संस्थानो पर टी.बी स्क्रीनिंग बढ़ाये जाने पर भी जोर दिया.
निःशुल्क दवा एवं जांच योजना के नोडल अधिकारी डॉ अनिल जैन ने चिकित्सा संस्थानों पर योजना के अनुसार दवाईयों के उपलब्धता सुनिश्चित करने तथा सप्लाई में नहीं होने पर स्थानीय स्तर कर क्रय करने के लिये निर्देशित किया साथ ही रोगी पर्चियों की भी ऑनलाइन एन्ट्री करवाने के लिये कहा. डिप्टी सीएमएचओ डॉ ताराचंद गुप्ता ने परिवार कल्याण कार्यक्रम तथा डिप्टी सीएमएचओ हैल्थ जीनेश सैनी ने मौसमी बिमारीयों, गैर संचारी रोगों एवं हैल्थ वेलनेस सेंटर एवं अन्य वर्टिकल कार्यक्रमों को लेकर विस्तार से समीक्षा की तथा आवश्यक दिशा निर्देश दिये.
बैठक में सभी खंड मुख्य चिकित्सा अधिकारी एवं चिकित्सा अधिकारी प्रभारी, जिला कार्यक्रम प्रबंधक आशीष दाधीच, जिला कार्यक्रम समन्वयक चिरंजीवी डॉ रजनीकांत शर्मा, जिला आशा समन्वयक हरी शंकर शर्मा , दक्षता मेंटर डा सूर्य भवानी सिंह उपस्थित थे.
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