प्रतापगढ़-मंदसौर मार्ग पर सड़क पर बाईक का टायर धसने से बिगड़ा संतुलन,हादसे में बाईक सवार की मौत
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प्रतापगढ़-मंदसौर मार्ग पर सड़क पर बाईक का टायर धसने से बिगड़ा संतुलन,हादसे में बाईक सवार की मौत

Pratapgargh news: राजस्थान के प्रतापगढ़ जिलें में मध्यप्रदेश के मंदसौर से जोडने वाले मार्ग अब हादसों के नाम से जाना जाने लगा है. प्रतापगढ़-मंदसौर 18 किलोमीटर सड़क पर अब तक 2 साल में 133 से अधिक लोग घायल और 13 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी हैं.

प्रतापगढ़-मंदसौर मार्ग पर सड़क पर बाईक का टायर धसने से बिगड़ा संतुलन,हादसे में बाईक सवार की मौत

Pratapgargh news: राजस्थान के प्रतापगढ़ जिलें में मध्यप्रदेश के मंदसौर से जोडने वाले मार्ग अब हादसों के नाम से जाना जाने लगा है. प्रतापगढ़-मंदसौर 18 किलोमीटर सड़क पर अब तक 2 साल में 133 से अधिक लोग घायल और 13 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी हैं.आज सुबह भी मंदसौर रोड पर सडक़ की बीच में बनी दरारों में एक बाईक सवार के टायर आने के बाद बाईक चालक हादसे का शिकार हो गया. हादसे में बसाड़ निवासी मदनलाल शर्मा की मौके पर ही मौत हो गई. ग्रामीणों ने बताया कि मदनलाल अपने खेत की और जा रहा था तब ही यह हादसा हो गया.

 हादसे के बाद ग्रामीणों ने बसाड़ गांव के पास जाम लगाकर विरोध-प्रदर्शन किया. ग्रामीणों ने आक्रोशित होकर करीब आधे घंटे तक मार्ग जाम कर दिया. जाम की सुचना पर तहसीलदार व थानाधिकारी ने मौके पर पहुंच कर ग्रामीणों से समझाईस की गई. ग्रामीणों का आरोप है कि ये मौत एक हादसा मात्र नहीं बल्कि सरकार व प्रशासन और ठेकेदार की लापरवाही का नतीजा है. प्रतापगढ़ से मंदसौर तक के 18 किमी के सफर के लिए वाहन चालकों से 30 रुपए का टोल लिया जाता है. अवलेश्वर फंटे पर टोल बूथ बना हुआ है. लेकिन 18 किमी का टोल चुकाने के बाद भी वाहन चालक सुरक्षित नहीं हैं.

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 करीब 2 साल में इस मार्ग पर सडक़ दुर्घटना में 133 से अधिक लोग घायल हो चुके हैं और 13 से अधिक लोगों ने अपनी जान गंवा दी है. हर माह इस मार्ग पर हादसें में एक व्यक्ति अपनी जान गवाह रहा है. फिर भी जिले के तमाम अधिकारी इस अनदेखी पर अपनी आंखे बंद कर बैठे हैं. गौरतलब है कि कुछ दिनों पूर्व में भी हुए हादसे में उपचार के दौरान एक व्यक्ति ने अपनी जान गवा ही थी. दो साल में चार बार से अधिक बार ग्रामीणों ने इस मार्ग पर प्रदर्शन भी किया, लेकिन रोड की हालत नहीं सुधरी. सीसी सडक़ के बीच बने दरारों से वाहन असंतुलित होकर दुर्घटनाग्रस्त हो जाते हैं. वहीं घटिया मटेरियल के कारण सडक़ किनारे बनी नालियां भी उखड़ चुकी हैं.

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