Pratapgarh Crime News:शौच के लिए गई छात्रा को बनाया हवस का शिकार,अस्पताल में दिया बच्चे को जन्म
Advertisement
trendingNow1/india/rajasthan/rajasthan2267477

Pratapgarh Crime News:शौच के लिए गई छात्रा को बनाया हवस का शिकार,अस्पताल में दिया बच्चे को जन्म

Pratapgarh Crime News:प्रतापगढ़ में शोच के लिए गई एक छात्रा को डरा धमका कर उसके साथ दुष्कर्म करने के मामले में आज अदालत में सुनवाई पूरी होने पर सजा का ऐलान किया गया .

Pratapgarh Crime News

Pratapgarh Crime News:प्रतापगढ़ में शोच के लिए गई एक छात्रा को डरा धमका कर उसके साथ दुष्कर्म करने के मामले में आज अदालत में सुनवाई पूरी होने पर सजा का ऐलान किया गया .विशिष्ट न्यायाधीश पॉक्सो कोर्ट प्रभात अग्रवाल ने फैसले में तल्ख टिप्पणी करते हुए दुष्कर्मी को 20 साल कठोर कारावास और विभिन्न धाराओं में 30 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई. 

बाद में अदालत के आदेश पर दुष्कर्मी को जेल भेज दिया गया. इस मामले में पीड़िता ने एक बच्ची को जन्म दिया था, उसके बाद यह मामला उजागर हुआ . बच्ची और दुष्कर्मी का डीएनए टेस्ट भी करवाया गया था.

विशिष्ट लोक अभियोजक पॉक्सो कोर्ट गोपाल लाल टांक ने बताया कि 2 साल पहले पीड़िता ने जिला चिकित्सालय में अनचाहे बच्चे को जन्म दिया था. इस मामले में पीड़िता की ओर से 25 जून 2022 को पुलिस में प्रकरण दर्ज करवाया गया कि वह विद्यालय में रहकर पढ़ाई करती है. 

एक दिन वह अपने गांव आई और शाम को शोच के लिए घर से निकली तो वहीं पर दिनेश मीना नाम के युवक ने उसके साथ दुष्कर्म किया. इस दौरान उसने उसे जान से मारने की धमकी दी.भय और शर्म के कारण उसने यह बात किसी को नहीं बताई और प्रतापगढ़ में पढ़ाई करने के लिए आ गई.

सात आठ महीने बाद जब वह वापस अपने घर पर आई तो उसे पेट दर्द की शिकायत होने पर प्रतापगढ़ के जिला चिकित्सालय लाया गया. जहां पर उसने एक अनचाहे बच्चे को जन्म दिया. इस मामले में पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए दिनेश मीणा को गिरफ्तार कर लिया था. इस दौरान पुलिस ने दिनेश और नवजात का डीएनए टेस्ट भी करवाया था जो पूरी तरह से मैच हो गया. 

तभी से यह मामला पोक्सो कोर्ट में विचाराधीन था. आज मामले की सुनवाई पूरी होने पर विशिष्ट न्यायाधीश प्रभात अग्रवाल ने सजा का ऐलान किया.उन्होंने दुष्कर्मी को अलग-अलग धाराओं में 20 साल कठोर कारावास और 30 हजार रुपये के अर्थ दंड से दंडित करते हुए जेल भेजने के आदेश दिए. 

प्रकरण में विशिष्ट न्यायाधीश प्रभात अग्रवाल ने अपनी तल्ख टिप्पणी करते हुए लिखा कि आज समाज में बालिकाओं की अस्मत सुरक्षित नहीं है. ऐसे में पीड़िता के साथ न्याय होना जरूरी है. दुष्कर्मी का समाज में खुले घूमना सामाजिक शांति पर प्रतिकूल असर डालेगा.

यह भी पढ़ें:जल्द लागू होगी राजस्थान में नई शिक्षा नीति, मदन दिलावर बोले-शिक्षा के साथ संस्कार...

Trending news