Onion Price: राजस्थान के कांठल, मध्यप्रदेश और नासिक में प्याज की बंपर पैदावार हुई है, लेकिन अभी प्याज किसानों के घर में है तो मंडी में अच्छे दाम नहीं मिल रहे हैं, नए प्याज के दाम बाजार में 7 से 9 रुपए प्रतिकिलो हैं. प्याज के किसानों की हालत ये है कि उनकी लागत तक भी नहीं निकल रही है, कमाई के नाम पर उनकी आंखों में सिर्फ आंसू हैं. आखिर ऐसा क्यों होता है हर साल?
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Onion Price : अक्सर प्याज के दाम आसमान छूने के बाद आम आदमी के आंसू निकालते हैं, लेकिन इस बार ये प्याज किसानों के भी आंसू निकाल रही है, कांठल अंचल में नासिक और मध्यप्रदेश में प्याज की बंपर पैदावार हुई है. इसलिए दाम काफी कम हो गए. नया प्याज सात से 9 रुपए किलो मंडी में बिक रहा है. जबकि पुराना प्याज या छोटे आकार का तो 5 रुपए किलो तक में मिल रहा है. हर जगह प्याज का अच्छा उत्पादन हुआ है. करीब पूरे साल प्याज के दाम नियंत्रित रहने वाले हैं. होलसेल में पुराना प्याज 4 से 5 रुपए किलो है. वहीं, नई प्याज के दाम भी लगातार घट रहे हैं, बाजारों में नासिक प्याज आने लगेगा तो प्याज के दाम और कम हो सकते हैं, संभावना है कि ऑफ सीजन में प्याज होलसेल में पांच से 7 रुपए किलो तक बिकेगा.
प्याज नहीं बिकी तो वह 15 क्विंटल प्याज गुस्से में आकर वहीं छोड़ गया
प्रतापगढ़ जिले में 500 हेक्टेयर में प्याज की बुवाई की गई थी, जिसमें करीब 5 हजार मिट्रिक टन उत्पादन हुआ. अब किसान प्याज के उत्पादन की लागत नहीं निकाल पा रहे हैं. जिले के किसान जितेंद्र आंजाना ने बताया कि होलसेल में प्याज 5 रुपए किलो लिया जा रहा है. बाजार में बेचने ले जाना ही महंगा पड़ रहा है. खाद बीज और ढाई महीने की मेहनत बेकार हो रही है. वहीं, कृषि उपज मंडी के हम्माल ने बताया कि एक किसान कृषि उपज मंडी के अंदर स्थित लहसुन प्याज मंडी के अंदर अपनी प्याज नहीं बिकी तो वह 15 क्विंटल प्याज गुस्से में आकर वहीं छोड़ गया.
एक तरफ प्याज किसानों को रुला रहा तो दूसरी तरफ प्याज बाजारों में उपभोक्ताओं की नजरें मोड़ रहा है, कृषि उपज मंडी में किसान अपना प्याज लेकर आ रहे हैं. 200 रुपए क्विंटल से लगाकर 800 रुपए प्रति क्विंटल तक मंडी में प्याज बिक रहा है, दाम कम मिलने के चलते वह अपना प्याज यही मंडी के इर्द-गिर्द फेंक कर चले जाते हैं.
प्याज 700 से 800 रुपए प्रति क्विंटल बिकता है
अच्छे से अच्छा प्याज 700 से 800 रुपए प्रति क्विंटल बिकता है. मंडी में प्रतिदिन 300 से 500 कट्टे प्याज आ रहा है. कई बार प्याज की गुणवत्ता अच्छी नहीं होने के चलते बिक नहीं पाता है, और वह मंडी में ही पड़ा रहता है. बाजार में प्याज महंगा होने का मुख्य कारण यह भी है. वह कई दिनों तक भंडारण करते हैं. अच्छे और खराब प्याज की गुणवत्ता को अलग करते हैं. इसलिए इसकी लागत अधिक आती है जिसके चलते हैं बाजारों में महंगा है.
प्याज थोक में सस्ता होता जा रहा है, लेकिन फुटकर ग्राहकों को तो 15 से 20 रुपए किलो में मिल रहा है. सब्जी मंडियों में आने तक इसकी कीमत 4 से 5 गुना तक बढ़ रही है. एक और किसानों के लिए यह फसल जहां नुकसान वाली साबित हो रही है, वहीं बिचौलियों के लिए फायदे का सौदा साबित हो रही है.
Reporter-Vivek Upadhyay