रणनीति या साजिश! वसुंधरा राजे के लिए रास्ता बनाने वाले इस वायरल पोस्टर का सच क्या?
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रणनीति या साजिश! वसुंधरा राजे के लिए रास्ता बनाने वाले इस वायरल पोस्टर का सच क्या?

Rajasthan Politics : सोशल मीडिया पर वायरल पोस्टर में पूर्व मुख्यमन्त्री वसुंधरा राजे की बड़ी फोटो लगाई गई है. राजे के पीछे घटते हुए क्रम में पार्टी के केंद्रीय नेताओं के साथ राजस्थान बीजेपी से जुड़े कई चेहरों को दिखाया गया है.

रणनीति या साजिश! वसुंधरा राजे के लिए रास्ता बनाने वाले इस वायरल पोस्टर का सच क्या?

Rajasthan Politics : कहा जाता है कि राजनीति में चर्चा, पर्चा और खर्चा चलता रहना चाहिए. इस चर्चा के लिए पर्चा और उस पर होने वाला खर्चा कई बार नेता खुद को आगे बढ़ाने के लिए करते हैं, तो कभी अपने प्रतिस्पर्धी की टांग खिंचाई के लिए भी. सोशल मीडिया की अति सक्रियता के दौर में किसका पर्चा चल जाए और किसकी चर्चा हो जाए कुछ नहीं कहा जा सकता? ऐसे पर्चे कई बार नेता को नफ़ा देते हैं, तो कई बार घातक नुकसान भी.

अब चुनावी साल में पर्चों की आवक शुरू हो गई है और जैसे-जैसे वोट की तारीख नजदीक आएगी, यह पर्चे और उनके चर्चे बढ़ते ही दिखेंगे. बहरहाल अभी सोशल मीडिया पर एक पैसा पर्चा लोगों की चर्चा का विषय बना हुआ है जिसमें बीजेपी नेताओं के साथ देश के उप-राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ की फोटो भी छापी गई है. इस पोस्टर में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की तस्वीर प्रमुखता से छापी गई है. पर्चे पर लिखा है कि, ''वसुंधरा राजे के लिए मोदी और शाह की जोड़ी बना रही हैं, सीएम पद के लिए रास्ता.''

चुनावी साल में राजनीतिक पर्चों की आवक शुरू हो गई है. सोशल मीडिया पर बीजेपी नेताओं की तस्वीर वाला पोस्टर चर्चा का विषय बना हुआ है. इसमें वसुंधरा राजे को सीएम पद के लिए मोदी और शाह की जोड़ी की तरफ़ से रास्ता बनाने की बात लिखी गई है.

क्या है पोस्टर की खास बात?

दरअसल इस पोस्टर में दस नेताओं की तस्वीर दिखाई गई है. इसमें नौ चेहरे बीजेपी से सीधे तौर पर जुड़े हैं जबकि देश के उप-राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ की फोटो भी इसमें लगाई गई है. सबसे बीच में पूर्व मुख्यमन्त्री वसुंधरा राजे की बड़ी फोटो लगाई है. जबकि राजे के पीछे घटते हुए क्रम में पार्टी के केंद्रीय नेताओं के साथ राजस्थान बीजेपी से जुड़े कई चेहरों को दिखाया गया है. इसमें पीएम नरेन्द्र मोदी, केन्द्रीय गृह मन्त्री अमित शाह, लोकसभा स्पीकर ओम बिरला, केन्द्रीय मन्त्री अश्विनी वैष्ण्व, गजेन्द्र सिंह शेखावत, बीजेपी के प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी, प्रतिपक्ष के उपनेता सतीश पूनिया और नेता राजेन्द्र राठौड़ की तस्वीर भी दिखाई है.

किसने जारी किया पोस्टर?

अगर पोस्टर्स की संख्या, शैली और सर्कुलेशन से ही कोई मुख्यमन्त्री बन जाए तो अब तक न जाने बीजेपी और कांग्रेस में कौन-कौन नेता मुख्यमन्त्री बन गया होता? ऐसे में सवाल यह भी है कि आखिर यह पोस्टर किसने और क्यों जारी किया? दरअसल इस पोस्टर पर बीजेपी नेताओं के साथ पार्टी का चुनाव चिन्ह तो छपा है, लेकिन इसे जारी करने वाले किसी व्यक्ति या संस्था का नाम नहीं दिया है, ना ही सोशल मीडिया पर इसकी ज़िम्मेदारी कोई ले रहा है. ऐसे में सवाल यह उठता है कि क्या वसुंधरा राजे या उनकी टीम की तरफ़ से यह पोस्टर जारी किया गया? अगर वाकई ऐसा है तो फेसबुक, ट्विटर समेत राजे के किसी भी सोशल मीडिया हैण्डल पर यह पोस्टर क्यों नहीं है?

सवाल यह भी है कि बीजेपी के आधिकारिक प्लेटफॉर्म पर भी यह पोस्टर नहीं है. ऐसे में सवाल यह कि, क्या यह पोस्टर बीजेपी नेताओं में रार बढ़ाने के लिए कांग्रेस की तरफ से जारी किया जा सकता है? लेकिन कांग्रेस नेता और पीसीसी के सचिव जसवन्त गुर्जर तो खुद ही इस पोस्टर और बीजेपी नेताओं पर सवाल उठा रहे हैं. जसवन्त गुर्जर ने पूछा कि बीजेपी इस पोस्टर पर उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ का फोटो दिखाकर क्या उन्हें भी बीजेपी कार्यकर्ता बता रही है?

इसके साथ ही सवाल यह भी है कि अगर वसुंधरा राजे की टीम या कांग्रेस की तरफ़ से यह पोस्टर जारी नहीं किया गया तो क्या यह पोस्टर वसुंधरा राजे की टांग खिंचाई के लिए बीजेपी के ही किसी ''सीएम इन वेटिंग'' के कैम्प से जारी किया गया है? बहरहाल सोशल मीडिया पर चल रहे इस पर्चे का मूल स्त्रोत तो जग-जाहिर नहीं है, लेकिन चुनावी साल में यह सवाल तो उभर ही रहा है, कि ऐसे पर्चे, जिनमें किसी नेता को उसकी पार्टी के केंद्रीय नेता से भी मजबूत और बड़ा दिखाया गया हो, वो पर्चे नेता की राहत सुगम करेंगे या दुर्गम?

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