Rajasthan Assembly: राजस्थान विधानसभा में शुक्रवार को प्रधानमंत्री आवास योजना को लेकर बजेपी की विधायक चंद्रकांता मेघवाल और ग्रामीण विकास मंत्री रमेश मीणा दोनों प्रधानमंत्री आवास योजना में वंचित रह गए परिवारों को लेकर आपस में भिड़ते हुए दिखे.
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Rajasthan Assembly: राजस्थान विधानसभा में शुक्रवार को प्रधानमंत्री आवास योजना को लेकर विधायक चंद्रकांता मेघवाल और ग्रामीण विकास मंत्री रमेश मीणा आमने सामने दिखे. प्रधानमंत्री आवास योजना में पात्रता होने पर परिवारों का नाम न आने पर विधायक ने ग्रमाीण विकास मंत्री से सदन की कार्रवाई में इससे जुड़े कई सवाल पूछे. विधायक मेघवाल ने पहले आंकड़ों को जारी कर बताया कि प्रधानमंत्री आवास योजना में पात्रता के बावजूद प्रदेश में 9 लाख 22 हजार परिवार आवास आवंटन से वंचित रह गए हैं। जो तकनीकी गफलत के कारण हुआ. लेकिन इस गफलत को ठीक करने के लिए राज्य सरकार की ओर से केंद्र सरकार को दो बार चिट्ठी लिखी गई है लेकिन अब तक उस पर कोई जवाब नहीं आया है.
नाम ना शामिल होने पर उठाया सवाल
विधानसभा में विधायक चंद्रकांता मेघवाल ने प्रधानमंत्री आवास योजना में मापदंड पूरे करने के बावजूद वरियता सूची में परिवारों को नाम शामिल नहीं होने का सवाल उठाया है. विधायक चंद्रकांता मेघवाल ने कहा कि 9 लाख 22 हजार परिवार तकनीकी खामी के कारण पीएम आवास योजना(pradhan Mantri awas Yojna) में आवेदन से वंचित रह गए।
मेघवाल पर मंत्री रमेश मीणा का जवाब
इस सवाल के जवाब में ग्रामीण विकास मंत्री रमेश मीणा(MInister Ramesh Meena) ने कहा कि 10 मार्च 2022 को केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय ने सूचना उपलब्ध करवाई थी कि किसी भी आमंत्रित परिवार को अब योजना में शामिल नहीं किया जाएगा हालांकि, इसके बावजूद राज्य सरकार की ओर से 15 अप्रैल 2022 और 22 जनवरी 2023 को केंद्र मंत्रालय को पत्र लिखकर आग्रह किया गया.
मंत्री रमेश मीणा के जवाब के बाद विधायक चंद्रकांता मेघवाल ने परिवारों के वरियता सूची में रह जाने को लेकर कार्रवई पर सवाल किया किया कि प्रधानमंत्री आवास योजना में रह गए परिवार पात्रता सूची में आने से पहले इस मामले में दोषी अधिकारियों के खिलाफ सरकार की कार्रवाई करने पर विचार कर रही है क्या?
मंत्री रमेश मीणा का जवाब
विधायक मेघवाल के सवाल का जवाब देते हुए मंत्री रमेश मीणा ने चुटकी लेते हुए कहा कि वह बूंदी जिले का प्रश्न पूछकर स्टेट लेवल की जानकारी मांग रहे है. उनका प्रश्न गलत है.
इस कारण हुए फार्म रिजक्ट
इसके आगे मंत्री मीणा ने कहा कि बता दूं कि प्रधानमंत्री आवास योजना में आवेदन ऑनलाइन नहीं बल्कि ग्राम पंचायतों के माध्यम से किए जाते हैं। इसके बाद पूरी प्रक्रिया कर फार्म अपलोड किए जाते हैं। फिलहाल प्रदेश में 23 लाख नहीं 9 लाख 22 हजार आवेदन रिजेक्ट हुए है. मिलेट के धीमी गति से चलने के कारण, एकड़ का बीघा होने के कारण, मोबाइल नंबर की जगह लैंडलाइन नंबर समय पर सूचना नहीं आने के कारण, यह परिवार वंचित हुए हैं जिसमें अधिकारियों की गलती से नहीं. साथ ही इस बाबत मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव के स्तर पर भी चिट्ठी लिखी जा चुकी है. साथ ही भारत सरकार के मंत्री से आग्रह किया गया है इन वंचित 9 लाख 22 हजार परिवारों को भी इस योजना के अंतर्गत आवास उपलब्ध कराएं.
इसके साथ ही बाढ़ से तबाह हुए घरों को लेकर भी ग्रामीण मंत्री से सवाल किए मेघवाल ने सवाल पूछते हुए कहा कि साल 2013 में शुरू की गई मुख्यमंत्री जन आवास योजना या बाढ़ राहत के लाभार्थियों को इन योजना में वंचित हुए परिवारों को शामिल किया जाएगा या नहीं.
जिसपर रमेश मीणा ने ने मेघवाल के जवाब पर कटाक्ष करते कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना में 60% केंद्र का और 40% हिस्सा राजस्थान सरकार का होता है. ऐसे में आप केंद्रीय मंत्री और केंद्र सरकार से बातचीत कर वंचित रह गए परिवारों को आवास दिलवा सकते है.
अब देखना यह है कि मंत्री मीणा और विधायक मेघवाल के इस बहस के बाद क्या प्रधानमंत्री आवास योजना में वंचित रह गए परिवारों को उनका हक मिलेगा या नहीं?