हरीश चौधरी ने अवैध बजरी से लेकर पेपर लीक के संगठित अपराध पर बोला हमला, अपनी ही सरकार हो भी घेरा
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हरीश चौधरी ने अवैध बजरी से लेकर पेपर लीक के संगठित अपराध पर बोला हमला, अपनी ही सरकार हो भी घेरा

 राजस्थान विधानसभा के आठवें सत्र में पूर्व मंत्री व बायतु विधायक हरीश चौधरी ने अपने व्यक्तव में संगठित अपराध और बजरी के मुद्दे पर जमकर हमला बोला. उन्होंने बजरी के मुद्दे पर बोलते हुए कहा कि माननीय उच्चतम न्यायालय के आदेशानुसार लीज़धारक को ही रॉयल्टी के ठेके का अधिकार है.

हरीश चौधरी ने अवैध बजरी से लेकर पेपर लीक के संगठित अपराध पर बोला हमला, अपनी ही सरकार हो भी घेरा

 राजस्थान विधानसभा के आठवें सत्र में पूर्व मंत्री व बायतु विधायक हरीश चौधरी ने अपने व्यक्तव में संगठित अपराध और बजरी के मुद्दे पर जमकर हमला बोला. उन्होंने बजरी के मुद्दे पर बोलते हुए कहा कि माननीय उच्चतम न्यायालय के आदेशानुसार लीज़धारक को ही रॉयल्टी के ठेके का अधिकार है. ओपन बिड के आधार पर ही ठेके दिए गए हैं. जहां बजरी की लीज़ खत्म हो चुकी है, और लीज़धारक को ही बजरी स्टॉक करने का अधिकार है. आज राजस्थान में बाड़मेर जिले में सबसे सस्ती बजरी मिल रही है. स्थानीय आम नागरिक जो टैक्टर के परिवहन से यहां मात्र 350 रूपये प्रति टन की बजरी खरीद सकते हैं. और ट्रक के लिए 400 रूपये से खरीद सकते है. वर्ष 2012-13 से लेकर सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्धारित बजरी के ठेके की कीमत 58.52 करोड़ रूपये थी. उसके बाद राजस्थान सरकार ने व्यवस्थाओं में परिवर्तन किया, उसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने वापस फैसला दिया कि जो उस समय लीजधारक हैं उन्ही के माध्यम से ही खनन हो सकेगा. उसके बाद ओपन बिड हुई जिसके द्वारा लीज़धारकों को ठेका मिला. आज दस साल बाद 18 प्रतिशत की दर से इसकी कीमत 107 करोड़ रूपये बनी. ये पैसा आम लोगों से ही लिया जाएगा.

हरीश चौधरी जी ने कहा कि बजरी के मुद्दे पर विवाद करने वाले अपनी ही जेब भर रहे हैं. यह पैसा आम जनता की जेब से ही लिया जा रहा है. उन्होंने पूछा कि बजरी के मुद्दे पर राजनीति करने वाले लोग जनता के बीच सही बात बताने कभी नहीं जाएंगे. हंगामा करने वाले लोग ठेकेदारों का फायदा चाहते हैं, जनता का नहीं.

हरीश चौधरी ने कहा कि आम जनता को उपयोग के लिए बजरी सिर्फ 3 टन तक ही मिल सकती है, वो भी व्यावसायिक ट्रैक्टर से. बिना व्यावसायिक ट्रैक्टर से खनन पर दस गुना फाइन और एक लाख की पेनल्टी का प्रावधान है. जो स्वयंभू बजरी के मामले में आज्ञवान हो रहे हैं उनके खुद के जिले में बुरी स्थिति है. उनके जिले में बजरी महंगी मिल रही है. कुछ ही समय में पचपदरा और गुडामालानी के लीज़ की वैद्यता खत्म हो जाएगी, नागौर में भी वैद्यता खत्म हो चुकी है. अब आम जनता अपने उपयोग के लिए बजरी कहां से लाएगी?
उन्होंने कहा कि प्रदेश में पेपर बनाने से ले कर पेपर लीक करने में संगठित अपराध हुआ है. उन्होंने कहा कि मादक पदार्थ जैसे सिंथेटिक ड्रग्स, MD, स्मैक आदि का व्यापार एक संगठित अपराध के रूप में उभर कर पूरे राजस्थान में सामने आया है और यह एक चिंता का विषय है. आजकल ये मादक पदार्थ गांव से ले कर ढाणियों तक पहुंच चुके हैं, जिसके ऊपर सख्ती अति आवश्यक है. चौधरी ने कहा कि साइबर अपराध आने वाले समय में हमारी सबसे बड़ी चुनौती होगी.

उन्होंने पुलिस का धन्यवाद करते हुए उनके लिए हथियार और वाहन मुहैया कराए जाएंगे. संगठित अपराध के मुद्दों पर सारे संगठनों को एक साथ आना चाहिए और संगठित अपराध को खत्म करना चाहिए.

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