कोरोना संक्रमण के चलते इसमें भक्त शामिल नहीं हो सके.
सभी कार्यक्रम मंदिर महंत और पुजारियों के सान्निध्य में हुए. भक्तों ने एकादशी का उपवास भी रखा. शहर आराध्य गोविंददेवजी मंदिर में महंत अंजन कुमार गोस्वामी के सान्निध्य में शाम को ग्वाल आरती के बाद सालिगरामजी को चौकी पर विराजमान कर संकीर्तन के साथ तुलना मंच तक ले जाया गया.
पूजा के बाद सालिगरामजी को पुन: गृभग्रह में विराजमान करवाया. गोनेर के लक्ष्मी जगदीश मंदिर में जल झूलनी एकादशी बिना भक्तों की आवाजाही सादगीपूर्ण तरीके से मनाई गई. सुबह भगवान का पंचामृत अभिषेक हुआ.
ठाकुर जी का विशेष श्रृंगार करने के साथ ही नटवर वेश धारण करवाया गया. भक्तों ने मंदिरों में एंट्री बन्द होने के कारण ऑनलाइन दर्शन किए. उधर पहली बार ठाकुरजी को मंदिर के पास स्थित जगन्नाथ सरोवर में नौका विहार के लिए नहीं ले जाया गया.
सुभाष चौक पानों का दरीबा स्थित सरस निकुंज में महंत अलबेली माधुरीशरण के सान्निध्य में ठाकुर राधा सरस बिहारी सरकार का ऋतुपुष्पों से विशेष श्रृंगार किया गया. विशेष भोग अर्पित कर महाआरती की गई.
चौड़ा रास्ता स्थित राधा दामोदर, मदन गोपाल, पुरानी बस्ती गोपीनाथजी, चांदनी चौक स्थित आंनद कृष्ण बिहारीजी, रामगंज बाजार स्थित लाड़लीजी मंदिर में भी कार्यक्रम हुए.